बिहार सरकार के कृषि मंत्री अपने बयानों को लेकर इन दिनों ख़बरों में बने हुए हैं । पिछले कुछ दिनों ने भ्रष्टाचार को लेकर खुल कर बात कर रहे हैं । एक बाद फिर से उनका एक ऐसा ही बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने ये स्वीकार किया है कि बिहार में खाद की काला बाजारी हो रही है साथ ही केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। बता दें की पिछले दिनों भी उनका एक बयान बहुत चर्चा में रहा था जिसमें उन्होंने बिहार के कृषि विभाग के अधिकारियों को चोर कहा था । और ये भी कहा था कि वे चोरों के सरदार हैं।
आरोपों को किया स्वीकार
बता दें की बीते दिन शुक्रवार को केंद्रीय राज्य रसायन और उर्वरक मंत्री भगवंत खुबा ने आरोप लगाया था कि बिहार में खाद की कालाबाजारी हो रही है। अब बिहार सरकार में कृषि मंत्री और RJD नेता सुधाकर सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है । उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्य रसायन और उर्वरक मंत्री भगवंत खुबा ने जो आरोप लगाया है वो बिलकुल सही है और वो इसको स्वीकार करते हैं । सुधाकर सिंह ने कहा की कुछ दिनों पहले उन्होंने भी यही बात कही थी।
बीजेपी पर मढ़ा आरोप
सुधाकर सिंह ने कहा कि केन्द्रिय मंत्री ये बात मान रहे हैं की खाद की कालाबाजारी हुई है । लेकिन सवाल ये है की कों कर रहा था। मेरे से मंत्री बने तो सिर्फ 25 दिन हुआ है । मुझसे पहले बीजेपी के नेता ही कृषि मंत्री थे । ये उन्हीं लोग के द्वारा किया गया है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि ये अच्छी बात के भरता सरकार के मंत्री इस बात को खुद मान रहे हैं।
‘केंद्र सरकार करवाई क्यों नहीं कर रही?’
खाद के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिल कर तय कराती है । ये कागजों पर संयुक्त रूप स्वीकार होता है कि बिहार को इतना मात्रा में खाद चाहिए । इसके बाद भी बिहार को 78 प्रतिशत ही खाद मिला । ये जो 22 प्रतिशत कम खाद मिला बिहार को इसी के कर्ण थोड़ा अफरा-तफरी था । आज हमलोगों ने एक महीने में लगभग नियंत्रण में ला दिए हैं । अभी जको रीड में फर्क आ रहा है वो केंद्र सरकार की विफल नीतियों का नतीजा है । यदि वो कह रहे हैं कि बिहार में 600 रुपय बोरा खाद बिक रहा है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रह हैं? क्या केंद्र सरकार खाद कंपनियों पर करवाई कर उसके सब्सिडी को रोकेगी? ऐसा नहीं होता है तो इसका मतलब केंद्र सरकर खुद खाद की तस्करी कर रही है।