बिहार में एक दर्जन से अधिक पुलों के गिरने के मामले में दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार, NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांग दिया है। बिहार सरकार, NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से जवाब दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में फिर से मामले की सुनवाई होगी।
बिहार में लगातार पुलों के गिरने के मामले को लेकर बीते 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने पिछले दो साल के भीतर 12 पुलों के गिरने का हवाला देते हुए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी। छोटे-बड़े सभी पुलों के गिरने की घटना की जांच कराने की मांग की गई थी।
दरअसल, बिहार में लगातार पुल गिरने का मामला सामने आ रहा था। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे थे। जदयू और भाजपा इसका जिम्मेदार तेजस्वी यादव को मानता है क्योंकि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी तो तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के साथ साथ पथ निर्माण विभाग के मंत्री भी थे।
आरक्षण 50% से बढ़ाकर 65% किया जाए… बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सबसे पहले भागलपुर में निर्माणाधीन अगुवानी पुल का एक हिस्सा गिर गया था और पुल के कुछ पाया गंगा में समा गए थे। अगुवानी पुल के बाद बिहार में पुल गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। इसके बाद से बिहार में कई पुल गिर चुके हैं। हाल के दिनों में हर दिन पुलों के गिरने की घटनाएं सामने आई हैं।