बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा राज्य में आरक्षण के कोटे को बढ़ाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को बड़ा झटका दिया है। पटना हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल रखा है। अगली सुनवाई सितंबर महीने में होने वाली है। बिहार में आरक्षण के कोटे को लेकर सियासत भी खूब हो रही है। विपक्ष का आरोप है कि कोर्ट के माध्यम से सरकार आरक्षण के कोटे को बढ़ाना नहीं चाहती है।
इस मामले को लेकर जदयू नेता और बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है। बिहार में आरक्षण के कोटा को सरकार ने बढ़ाया है। हाई कोर्ट ने भले ही सरकार के फैसले पर रोक लगाई है। लेकिन सरकार को सुप्रीम कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा। बिहार में आरक्षण के कोटे को सुप्रीम कोर्ट बहाल करेगी।
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लेसी सिंह ने यही कहा कि बिहार में जातीय जनगणना करवाने का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। उनके ही नेतृत्व में बिहार में जातीय जनगणना कराई गई। डाटा भी प्रकाशित करवाया गया और विधानमंडल के दोनों सदनों से आरक्षण के कोटे को 50 प्रतिशत से बढ़ा कर 65 प्रतिशत किया गया। अब ऐसे में विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं इसलिए विपक्ष के नेता कुछ भी बोल रहे हैं।