रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने जो विवादित बयान दिया है उसपर फिलहाल जेडीयू और राजद में बयानी खींचतान चल रही है। इसके बीच एक बार फिर से भाजपा ने एंट्री मार ली है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार भी राजद को पाने निशाने पर लिया है। उन्होंने राजद को एक बड़ी चुनौती भी दे डाली है। उनका कहना है कि यदि राजद में हिम्मत है तो वो तीन तलाक, बहु-विवाह, हिजाब का विरोध कर के दिखाए। साथ ही उन्होंने शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर पर कार्रवाई किए जाने की मांग भी की है।
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“बहु-विवाह, तीन तलाक पर टिप्पणी करे RJD“
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि श्रीरामचरित मानस की निंदा करने वाले मंत्री चंद्रशेखर का बचाव करने वाले राजद में यदि हिम्मत है तो वह कुरान की विवादास्पद आयतों और मुस्लिम समाज में प्रचलित बहु-विवाह, तीन तलाक, निकाह हलाला, हिजाब और 15 साल की रजस्वला नाबालिक बेटियों के विवाह को जायज ठहराने जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करे। उन्होंने सवाल करते हुए कह कि राजद बताये कि वह सभी भारतीय नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता के विरुद्ध क्यों है, जबकि बाबा साहब रचित संविधान में इस संहिता को लागू करने का मतव्य दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह की वैधानिक आयु समान रखने के पक्ष में है, लेकिन लालू प्रसाद की पार्टी नाबालिग मुस्लिम लड़कियों की शादी के मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दकियानूसी राय के साथ क्यों खड़ी है? तीन तलाक को अवैध घोषित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजद ने चुप्पी क्यों साध ली?
तेजस्वी से मांगा जवाब
सुशील मोदी ने कहा कि राजद वोट बैंक के लिए तीन तलाक का समर्थन करता है और इसी मंशा से मुस्लिम महिलाओं के लैंगिक समानता के अधिकार का विरोध करती है। राजद मुस्लिम समाज की भावनाओं के आगे घुटने टेक कर उनकी मध्यकालीन कुरीतिओं तक का विरोध नहीं करती है,जबकि राम मंदिर और हिंदू धर्मग्रंथ के विरुद्ध जहर उगलने वाले जगदानंद और चंद्रशेखर का बचाव करती है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से एक समुदाय की भावनाएँ आहत हुईं, तब पार्टी ने तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। अब तेजस्वी यादव बतायें कि मानस-निंदक चंद्रशेखर के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या राजद के लिए बहुसंखयक हिंदुओं की भावनाओं का कोई मोल नहीं है? यह अहंकार पार्टी पर भारी पड़ेगा।