केंद्रीय बजट तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने निर्धारित शेड्यूल पर पेश किया। लेकिन उसके पहले ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय यह भी रहा कि बजट के बाद किसकी क्या प्रतिक्रिया होगी। कई मैसेज सर्कुलेट होने लगे कि इधर वित्त मंत्री बजट पेश करना शुरू करेंगी और दूसरी ओर विरोधी दल उसे बिना सुने नकारना शुरू करेंगे। बिहार के संदर्भ में कहें तो राज्य के सत्ताधारी दलों ने सिरे से बजट को सिरे से खारिज कर दिया है। एक ओर तेजस्वी यादव ने इसे भाजपा का धूल झोंकने का प्रयास बताया। तो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बजट को सपनों का सौदागर बताया। लेकिन बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बजट को लेकर अपना नजरिया जाहिर किया है। इसमें बजट की तारीफ और इसकी बुराई करने वालों को हड़बड़ी में दिया जाने वाला बयान बताया है।
मोदी ने गिनाए बिहार के लाभ
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिना पूरा बजट पढ़े लोग प्रतिक्रिया देने लगते हैं। साथ ही उन्होंने बिहार को होने वाले लाभ के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि बिहार को केवल केंद्रीय करों में हिस्से के मद में 1,07,237 करोड़ मिलेंगे जो पिछले साल से 25 हज़ार करोड़ ज़्यादा है। सुशील मोदी के अनुसार बिहार को अगले वित्तीय वर्ष में मौजूदा वित्तीय वर्ष के मुकाबले लगभग 25 फीसदी अधिक केंद्रीय कर के रूप में मिलेंगे। पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने नीतीश कुमार द्वारा पिछले दिनों बिहार के कर्ज लेने पर केंद्र द्वारा रोक लगाने के आरोप का भी जवाब दिया। उन्होंने बताया कि बिहार स्वीकृत ऋण के अतिरिक्त 13 हज़ार करोड़ ब्याज मुक्त 50 वर्ष में भुगतान करने वाला ऋण ले सकेगा।
“बिहार को सर्वाधिक लाभ”
सत्तारूढ़ दलों के नेताओं की बजट की खिंचाई के बाद सुशील मोदी ने मोर्चा संभालते हुए कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि PM आवास योजना के बजट में 33% की वृद्धि कर 70 हज़ार करोड़ किया गया है। क्या इसका लाभ बिहार को नहीं मिलेगा ? उन्होंने साफ कहा कि इस बजट का सर्वाधिक लाभ बिहार की ही मिलेगा ।