बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर शिक्षकों का इंतजार अब खत्म हो रहा है। अब शिक्षक 6 या 7 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में बीते शनिवार (02 नवंबर) को जानकारी दी है। एस सिद्धार्थ ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया 20 नवंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी. जबकि ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी कर लेने का लक्ष्य है. नए साल (2025) के पहले सप्ताह में शिक्षक नए स्कूल में योगदान भी दे देंगे। इसकी पूरी तैयारी हो गई है।
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उन्होंने यह भी बताया कि बीपीएससी और सक्षमता पास दोनों तरह के शिक्षक ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए एक साथ ही अप्लाई करेंगे। अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि दिव्यांग और असाध्य बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों की पोस्टिंग उनके ही पंचायत में की जाएगी। जबकि महिला शिक्षकों को 10 पंचायतों का विकल्प मिलेगा। वहीं, पुरुष शिक्षकों को 10 अनुमंडल चुनने का विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सक्षमता 1 की पोस्टिंग के बाद सक्षमता 2 की पोस्टिंग के लिए आवेदन शुरू होंगे। सक्षमता 2 की पोस्टिंग के लिए आवेदन अलग से लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर शिक्षक भी ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। पहले ये पॉलिसी में नहीं था, लेकिन जोड़ दिया गया है।
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बता दें कि ट्रांसफर के लिए पुराने शिक्षक, बीपीएससी टीचर और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षक आवेदन कर सकेंगे। आवेदन करने के लिए 15 दिनों का समय मिलेगा। 15 दिनों के अंदर वो अपने विकल्पों में चाहें तो दोबारा बदलाव कर सकते हैं। एस सिद्धार्थ ने कहा कि किसी को स्कूल नहीं भरना है। एक सवाल पर कि जिस जिले में एक ही अनुमंडल है वहां पर शिक्षक क्या करेंगे? इस पर एस सिद्धार्थ ने कहा कि आप बगल वाला अनुमंडल दे सकते हैं। बॉर्डर पर जो इलाके हैं।
नए सॉफ्टवेयर का ट्रायल
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को नए सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी दे दी गई है। कुछ दिनों तक सॉफ्टवेयर का ट्रायल चलेगा। उन्होने कहा कि 6 नवंबर नहीं तो 7 नवंबर से हम लोग ऑनलाइन आवेदन शुरू कर देंगे। इसके साथ ही सोमवार (04 नवंबर) को हम लोग एक-एक गाइडलाइन भी जारी कर देंगे। उन्होंने कहा कि जो भी शिक्षक हैं वो पॉलिसी के हिसाब से जगह खोज कर रखें, उसे पेपर पर नोट करके रखें, ताकि आवेदन के समय भरना आसान हो जाए।
ट्रांसफर-पोस्टिंग में पूरी पारदर्शिता
आवेदन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद शिक्षा विभाग सॉफ्टवेयर चलाने के लिए 10 दिनों का समय लेगा। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में पूरी पारदर्शिता होगी। कभी कोई जानकारी मांगी गई तो दी जा सकती है। वहीं दूसरी ओर एस सिद्धार्थ ने कहा कि जिलों में डीएम की अध्यक्षता में एक स्थापना कमेटी बनाई गई है। ट्रांसफर-पोस्टिंग में कभी कोई गड़बड़ी आती है तो इस कमेटी में बात को रखा जा सकता है। जैसे अगर किसी स्कूल में छात्रों की संख्या कम है और शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, या फिर किसी स्कूल में छात्रों की संख्या ज्यादा है और शिक्षकों की संख्या कम है, तो ऐसे सभी मामलों को जिला स्थापना कमेटी देखेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग की सारी प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से होगी। जिलों का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।