बिहार में पिछले कुछ समय महागठबंधन के अंदर खटपट की चर्चाएँ काफी तेज है। लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम आना, शिक्षा मंत्री और उनके विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच विवाद होना, राजद और जदयू के नेताओं के बीच वाद-विवाद होना, इनसब को खटपट कारण बताया जा रहा है। हालांकि इसको लेकर किए गए सवाल से सीएम नीतीश कुमार ने कन्नी काट ली है। वही उपमुख्यमंत्री सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन इनसब के बीच कुछ ऐसा हुआ है जिससे कयास बाजी के बाजार को और हवा मिल गया है। राजगीर में होने वाले मलमास मेला के पोस्टरों में सिर्फ सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर लगी हुई है, जबकि पोस्टर से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गायब हैं।
संकोच में CM नीतीश कुमार? महागठबंधन में ‘ऑल इज वेल’ के सवाल से काटी कन्नी
पोस्टर में सिर्फ नीतीश, तेजस्वी गायब
दरअसल 8 जुलाई से अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध मलमास मेला की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई ना हो इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दल बल के साथ दो बार समीक्षा बैठक कर तैयारियों का जायजा कर चुके हैं। शनिवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरी बार मलमास मेला की तैयारी की समीक्षा करने राजगीर पहुंचे थे। इस दौरान जगह-जगह लगाए गए बैनर व पोस्टर में सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर ही लगी थी। चूंकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर्यटन विभाग के भी मंत्री है इसके बावजूद भी उनका पोस्टर में ना होना कई तरह के सवाल पैदा कर रहा है।
कयासों का बाजार गर्म
राजनीतिक गलियारे में नीतीश कुमार से जुड़ी एक भ्रान्ति पहुत प्रसिद्ध है। वो ये कि नीतीश कुमार की अंतरात्मा की आवाज कब जग जाए और कब वो अपने मौजूदा साथी को छोड़ दुसरे के साथ हाथ मिला लें कोई नहीं कह सकता। लेकिन इससे पहले वो राजगीर जरूर जाते हैं। हालांकि ये कयास लगाने की बात है। वही कयास नीतीश कुमार के इसबार के राजगीर दौरे को लकेर भी लगाया जा रहा है। वही पोस्टरों से तेजस्वी का गायब होना ऐसे कयासों को और बाल मिलता दिख रहा है। आगे क्या होगा ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल तो कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वही पोस्टरों के संबंध में पूछे जाने पर ना तो पार्टी के कोई कार्यकर्ता ना ही जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ बोलने को तैयार है।