बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए चुनाव होना है। इसमें राजद की ओर आने वाले उम्मीदवारों के नामों ने खासी चर्चा बटोरी है। लेकिन इन उम्मीदवारों की बैकग्राउंड स्टोरी यह है कि इन सभी के नाम के चयन में तेजस्वी यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सोमवार, 6 जून को राजद के तीन उम्मीदवारों ने नामांकन कर दिया। बड़ी बात ये रही कि इनके नामांकन में भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मौजूद रहे। इस तरह लालू की मौजूदगी में राजद में तेजस्वी युग की शुरुआत हो गई है। वैसे तो विधानसभा चुनाव में तो तेजस्वी यादव के युग की शुरुआत पहले ही हो चुकी थी। लेकिन अब विधान परिषद में भी तेजस्वी के करीबियों को जगह मिलने लगी है।
तीन उम्मीदवारों ने किया नामांकन
बिहार विधान परिषद में राजद की ओर से सोमवार को तीन उम्मीदवारों ने नामांकन कर दिया। इनके नाम की घोषणा पहले ही हो चुकी थी। बड़ी बात ये रही कि इनके नाम का विरोध किसी ने नहीं किया। इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम मुन्नी देवी का रहा। इसके बाद राजद के युवा नेता कारी शोएब का नाम भी चर्चित है। कारी शोएब तेजस्वी के करीबी बताए जाते हैं। तीसरा नाम अशोक पांडेय का है। तीनों ने नामांकन सोमवार को कर दिया।
राजद न दबा दिया हर विरोध
वैसे तो राजद में MLC के लिए इन तीनों नामों के चयन सबसे सीधे मन से तो स्वीकार नहीं ही हुआ है। राजद के कुछ पुराने नेताओं की नाखुशी इस फैसले पर रही है। लेकिन राजद ने हर विरोध दबा दिया है। राज्यसभा चुनाव के वक्त हिना शहाब के तीखे तेवरों से सीखते हुए राजद ने इस बार नाम बाद में एनाउंस किए, डैमेज कंट्रोल की कवायद पहले शुरू की।