बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से सीएम नीतीश कुमार का रवैया ऐसा रहा है, जैसे वो हर मामले में तेजस्वी यादव को आगे करना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने 2025 में महागठबंधन की बागडोर भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व के जिम्मे कर दिया है। भले ही इसी मुद्दे पर उनकी पार्टी में टूट शुरू हो गई। लेकिन नीतीश हैं कि मानते नहीं। पहले गठबंधन के नेता का भावी नेता तेजस्वी को बनाने वाले नीतीश कुमार ने अब सरकार की जिम्मेदारी भी तेजस्वी पर ही डाल दी है।
मंत्रिमंडल पर भी नीतीश नहीं लेंगे निर्णय
किसी भी सरकार में मंत्रिमंडल निर्माण, विस्तार का निर्णय सरकार के मुखिया यानि मुख्यमंत्री का है। केंद्र में यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की होती है। लेकिन बिहार में सीएम नीतीश कुमार तो एकदम अलग ही रुख अख्तियार किए हुए हैं। कैबिनेट विस्तार के बारे में उन्होंने साफ कर दिया है कि तेजस्वी यादव निर्णय लेंगे। जबकि यह पूरी तरह निर्णय उनका ही होना चाहिए।
टेंशन में कांग्रेस, तेजस्वी ने किनारा किया
नीतीश सरकार को छह माह का वक्त बीत चुका है। सरकार गठन के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था। इसके बाद राजद कोटे से दो मंत्री सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार का इस्तीफा हो चुका है। इन सीटों को किसी और को मंत्री बनाकर भरा नहीं गया है। वहीं कांग्रेस को दो मंत्री पद मिले थे। कांग्रेस को और हिस्सा चाहिए। राजद के नेताओं ने भी आस लगा रखी है। लेकिन तेजस्वी यादव ने यह कह कर किनारा कर लिया है कि अभी मंत्रिमंडल के विस्तार की कोई चर्चा नहीं है।
सीएम ने साफ किया तेजस्वी बताएंगे कैबिनेट विस्तार
कैबिनेट विस्तार पर नीतीश कुमार ने कहा है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से सवाल पूछिए। यह नए तरह का गठबंधन हो गया है, किस पार्टी के कितने मंत्री हैं यह तय है। वो देख लेंगे। हम इंतजार कर रहे हैं।