बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन है आज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले नेता विपक्ष तेजस्वी यादव सदन पोर्टिको के बाहर आरक्षण समेत कई मुद्दों को लेकर विपक्षी विधायक के साथ हंगामा करते नजर आए। इस दौरान विपक्ष के विधायकों के तरफ से भाजपा और एनडीए सरकार पर तरह -तरह के आरोप भी लगाए गए। इसके बाद सदन के अंदर भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दा उठाया। विधानसभा में आरक्षण के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में 65 फीसदी का आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ‘महागठबंधन की सरकार में आरक्षण 65 फीसदी आरक्षण दिया गया। अब भाजपा के लोगों ने कोर्ट जाकर इसे निरस्त करवा दिया। यह संदेह CM नीतीश कुमार, विजय चौधरी और मुझे पहले से था।’
तेजस्वी यादव के आरक्षण की सीमा बढ़ाने के मुद्दे पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भड़क गये। उन्होंने कहा कि विपक्ष संविधान विरोधी है। इसके बाद सदन में सम्राट चौधरी और तेजस्वी आमने-सामने हो गए। सम्राट चौधरी ने कहा कि आपकी सरकार में फैसला नहीं लिया गया। नीतीश जी की सरकार थी। तेजस्वी यादव ने कहा- अभी आप जैसे हैं, उस वक्त हम वैसे ही थे। आप उपमुख्यमंत्री हैं और उसकी गरिमा में रहे हम तो आपको बस इतना ही कहेंगे।
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तेजस्वी ने कहा किया मेरे जन्मदिन के दिन पारित हुआ था। उसके बाद 20/06/ 24 को हाई कोर्ट के द्वारा इसे मना कर दिया गया और इसको निरस्त कर दिया गया। इसको लेकर हम लोगों को पहले से समझे था कि भाजपा के लोग इसे हाई कोर्ट जाकर निरस्त करवा देंगे और ऐसा हुआ भी? इस बीच बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जवाब देने के लिए खड़ा हो गए। सम्राट ने कहा कि पहली जानकारी यह दे दें कि आपकी सरकार नहीं थी। नीतीश कुमार की सरकार थी आप कौन थे?
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तेजस्वी यादव ने कहा कि विजय चौधरी जी यहां उपस्थित हैं आप सब लोगों को मालूम है कि हमारी सरकार जब 17 महीने हम लोग साथ में थे तो हम लोगों ने जाती आधारित गणना करवाई थी। यह गणना इसलिए करवाई गई थी क्योंकि राज्य सरकार जनगणना नहीं करवा सकती इसलिए हमने सर्वे करवाया था और इसी सर्वे के आधार पर हमने आरक्षण की सीमा 65% करने का फैसला किया था। इसमें पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज सभी लोगों का हमने ध्यान रखा था। सवर्ण के लिए 10% आरक्षण पहले की तरह ही रखा। आज संविधान दिवस है और संविधान दिवस के मौके पर सरकार से यह अपेक्षा की जाएगी की इस मामले पर जवाब देने का काम करें। सरकार इस फैसले को वापस लाने के लिए क्या कदम उठा रही है?