बिहार में शिक्षक भर्ती की परीक्षा के पेपरलीक होने के आरोप लग रहे हैं। इन आरोपों के बावजूद बीपीएससी ने परीक्षा रद्द नहीं की है। बीपीएसएसी की शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बीपीएससी और बिहार पुलिस की जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) आमने सामने हैं। जहां ईओयू ने अपनी शुरुआती जांच के बाद दावा किया है कि तीसरे चरण की परीक्षा का प्रश्न-पत्र आउट हो गया। वहीं, बीपीएससी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। दोनों की अपनी-अपनी दलीलें हैं। बीपीएससी ने इओयू से 15 मार्च को परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र लीक होने का ठोस सबूत मांगा है। इसके बाद ही परीक्षा रद्द करने पर विचार होगा। दूसरी ओर इस पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो चुकी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में भाजपा पर सीधा आरोप लगाया और नीतीश कुमार से सवाल पूछे हैं।
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राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पेपरलीक के आरोपों पर भाजपा को घेरा है। उन्होंने कहा है कि जदयू और भाजपा से पूछना जरूरी है कि पेपर लीक कैसे हुआ? यह सवाल पूछने के बाद तेजस्वी यादव ने भाजपा पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि भाजपा की सरकार बनते ही बिहार में पेपरलीक की घटना हुई। साथ ही सीएम नीतीश कुमार से सवाल पूछते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि पेपर लीक होने लगा है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी?
आपको बता दें कि रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग में हुई विशेष बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग द्वारा आयोजित अध्यापक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) के प्रश्न-पत्र के कथित रूप से लीक होने के संबंध में पिछले शनिवार को इओयू द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन में 15 मार्च को हुई परीक्षा के प्रारंभ होने के पूर्व प्रश्न-पत्र लीक होने के संबंध में मानक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। इधर, प्रश्न-पत्र लीक होने के संबंध में शनिवार को ईओयू द्वारा आयोग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया।
दूसरी ओर इओयू ने सोमवार को करीब 300 अभ्यर्थियों को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। जेल भेजे गये अभ्यर्थियों में लगभग 100 महिलाएं हैं। इओयू सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार अभ्यर्थियों से की गयी पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर झारखंड के हजारीबाग सहित बिहार के पटना, छपरा, वैशाली, नवादा, हाजीपुर, जहानाबाद आदि शहरों में छापेमारी भी की गयी है। जांच में पता चला है कि पहले पटना के करबिगहिया में ही परीक्षा की तैयारी कराने की प्लानिंग थी। लेकिन, अंत में इसे बदल कर हजारीबाग के कोहिनूर होटल में शिफ्ट कर दिया गया।