बिहार में पिछले कुछ दिन से लगातार ब्रिज गिरने (Bridge Collapse) की खबरें आ रही हैं। पिछले 11 दिनों के भीतर पुल गिरने की 5वीं घटना सामने आई है। ब्रिज गिरने की ताजा घटना को लेकर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राजद सांसद तेजस्वी यादव ने एक वीडियो शेयर किया है। पुल गिरने को लेकर उन्होंने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने पोस्ट में लिखा, “9 दिन के अंदर बिहार में यह 5वां पुल गिरा है। मधुबनी-सुपौल के बीच भूतही नदी पर वर्षों से निर्माणाधीन पुल गिरा…क्या आपको पता लगा? नहीं तो, क्यों? बूझो तो जाने?”
एक दूसरे पोस्ट में आगे उन्होंने लिखा है कि बधाई हो! बिहार में डबल इंजन सरकार की डबल ताकत से महज 9 दिन में केवल और केवल मात्र 5 पुल ही गिरे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रहनुमाई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 6 दलों वाली डबल इंजनधारी NDA सरकार ने बिहारवासियों को 9 दिन में 5 पुल गिरने पर मंगलराज की कल्याणमय उज्जवल शुभकामनाएं प्रेषित की है।
पुलों के गिरने से जनता के स्वाहा हो रहे हजारों करोड़ को स्वघोषित ईमानदार लोग “भ्रष्टाचार” ना कह कर “शिष्टाचार” कह रहे है। विपक्षियों को भ्रष्टाचारी का नारंगी प्रमाण पत्र बांटने वाले तथा पक्षकारिता की पत्रकारिता में पृथ्वी और आकाश की सभी रैंकिंग में नंबर-1 विश्व विजेता गोदी मीडिया द्वारा प्रमाणित सत्यवादी एवं अविनाशी नेता इन सुशासनी कारनामों पर मुँह क्यों नहीं खोलते? पुलों द्वारा जलसमाधि लेने पर विपक्षी नेता इस्तीफ़ा दें।
बता दें कि बिहार के मधुबनी जिले में शुक्रवार को भूतही बलान नदी पर एक निर्माणधीन पुल का बीम गिर गया। यह घटना मधेपुर प्रखंड के भेजा स्थित ललवारही टोला की है। यहां 25 मीटर की लंबाई में बीम एवं लोहे का स्ट्रक्चर अचानक धराशायी हो गया। इस पुल का निर्माण 2.98 करोड़ की लागत से किया जा रहा है।
मधुबनी में गिरा एक और पुल… बिहार में 11 दिनों के अंदर पांच पुलों ने ली जल समाधि
गौरतलब है, बिहार में पुल गिरने का पिछले 11 दिनों में यह पांचवीं घटना है। इसके बाद पुलिस निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे पहले18 जून को अररिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी के ऊपर बना रहा पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया। इसके बाद 23 जून को पूर्वी चंपारण में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल ध्वस्त होने का मामला सामने आया था। वहीं, 27 जून को बिहार के किशनगंज में भी कंकाई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया।