बिहार की राजनीति में भाजपा और राजद एक दूसरे पर सीधा हमले का कोई मौका नहीं छोड़ते। गुरुवार, 3 अगस्त को एक मौका बिहार सरकार के मंत्री व राजद नेता तेजप्रताप यादव को मिला। दरअसल, बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव गुरुवार को राजधानी पटना में 3 पार्कों के लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे। समारोह में मुख्य अतिथि तो तेजप्रताप यादव थे लेकिन विशिष्ट अतिथि के तौर पर स्थानीय कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा भी आमंत्रित थे। लेकिन अरुण सिन्हा कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। इसी बात पर मंत्री तेजप्रताप यादव ने भाजपा विधायक अरुण सिन्हा को भगोड़ा बताया। तेजप्रताप यादव के इस वार पर अरुण सिन्हा के बेटे व भाजपा नेता आशीष सिन्हा ने कड़ा जवाब दिया है।
मंत्री तेजप्रताप ने अरुण सिन्हा की गैरमौजूदगी पर कहा कि जनता ने उन्हें सेवा करने का मौका दिया, लेकिन वे भाग रहे हैं। तेजप्रताप यादव यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह दिया कि भाजपा नेता पहले लालू यादव से डरते थे। अब मुझसे भी डरने लगे हैं। भाजपा के विधायक डरपोक हैं, इसलिए वे भागते हैं। तेजप्रताप के इन बयानों पर भाजयुमो के प्रदेश मंत्री व विधायक अरुण सिन्हा के बेटे आशीष सिन्हा ने कहा कि अभी तेजप्रताप यादव अबोध ही हैं। उन्हें मंत्रालय सिर्फ इसलिए मिलता है, क्योंकि वे लालू यादव के बेटे हैं। बड़े घर में पैदा हुए हैं। उनसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।
राजनीतिक हमलों के बीच पिता पर हुए निजी हमलों का जवाब भी आशीष सिन्हा ने खुल कर दिया। आशीष ने कहा कि “जो व्यक्ति अपनी शादी में अधूरा हो, अपनी पढ़ाई में अधूरा हो, सामाजिक संस्कार में अधूरा हो उससे और क्या अपेक्षा की जा सकती है। जो अपनी पत्नी और परिवार का सम्मान नहीं कर सकता उनसे किसी तरह की उम्मीद नहीं की जा सकती।” वहीं मंत्री तेजप्रताप द्वारा भाजपा नेताओं को डरपोक बताने पर आशी ने कहा कि तेजप्रताप यादव में कुछ भी करने की क्षमता नहीं है। उल-जलूल भाषण देते हैं और जताना चाहते हैं कि वे लठैत हैं।