बिहार सरकार ने राज्य में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने और पुलिस जांच को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने राजगीर और पूर्णिया में नए क्षेत्रीय विधि-विज्ञान प्रयोगशालाएं (एफएसएल) शुरू करने का निर्णय लिया है। इन प्रयोगशालाओं में आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए गृह विभाग ने करीब 13.5 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण
- नए कानूनों का प्रभाव: नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद फॉरेंसिक जांच की अहमियत और बढ़ गई है। अब सात साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य हो गई है।
- पुलिस जांच में तेजी: इन नए एफएसएल लैब के शुरू होने से पुलिस जांच में तेजी आएगी और अपराधियों को पकड़ना आसान हो जाएगा।
- सटीक साक्ष्य: एफएसएल लैब में वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्यों की जांच की जाएगी, जिससे अदालत में मजबूत साक्ष्य पेश किए जा सकेंगे।
- सभी जिलों में एफएसएल सुविधा: राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी जिलों में फॉरेंसिक जांच की सुविधा उपलब्ध हो, ताकि लोगों को साक्ष्यों की वैज्ञानिक जांच के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े।
नए एफएसएल लैब में क्या होगा
- आधुनिक उपकरण: इन लैब में तुलनात्मक माइक्रोस्कोप, बुलेट पुलर, हाट एयर अवर, डिजिटल वेइंग बैलेंस आदि जैसे आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।
- विभिन्न प्रकार की जांच: इन लैब में फिंगरप्रिंट, डीएनए, हथियार, दवाइयां आदि की जांच की जा सकेगी।
आने वाले समय में
- पुलिस जांच में सुधार: इन नए एफएसएल लैब के शुरू होने से पुलिस जांच में सुधार होगा और अपराधियों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई की जा सकेगी।
- अपराधियों में दहशत: अपराधियों में पुलिस की बढ़ती हुई क्षमता को देखकर दहशत पैदा होगी।
- न्याय व्यवस्था मजबूत होगी: वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अपराधियों को सजा दिलाने में आसानी होगी, जिससे न्याय व्यवस्था मजबूत होगी।