बिहार के सरकारी स्कूलों की दुर्दशा का ताजा मामला मधुबनी जिले के मुशहरी स्थित प्राथमिक विद्यालय से सामने आया है। राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस. सिद्धार्थ द्वारा स्कूल का वीडियो कॉल के जरिए जायजा लेने पर स्कूल की खस्ताहाल व्यवस्था उजागर हुई। वीडियो कॉल के दौरान एसीएस सिद्धार्थ को पता चला कि स्कूल में मौजूद एकमात्र शिक्षक सब्जी लेने गए हुए थे, जबकि क्लास टोला सेवक संभाल रहा था। स्कूल में कुल 6 शिक्षक नियोजित हैं, लेकिन उस समय केवल टोला सेवक और एक शिक्षक ही मौजूद थे। जब एसीएस ने छात्रों की स्थिति देखनी चाही, तो पाया कि बच्चे फर्श पर बोरी बिछाकर बैठे थे। स्कूल में डेस्क और बेंच जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं।
स्कूल में 137 छात्र पंजीकृत हैं, लेकिन वीडियो कॉल के दौरान सिर्फ 20-25 बच्चे ही उपस्थित पाए गए। क्लासरूम में पढ़ाई का माहौल कम और अव्यवस्था ज्यादा दिखी। कमरे में भोजन बनाने का सामान भी रखा हुआ था, जो स्कूल के संचालन में लापरवाही को और उजागर करता है। एसीएस एस. सिद्धार्थ ने हाल ही में राज्य के सभी सरकारी स्कूलों का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉलिंग का नया तरीका अपनाया है। इसके तहत वे प्रतिदिन 10 स्कूलों के शिक्षकों से सीधे वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं। मधुबनी के इस स्कूल की स्थिति ने पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
एसीएस ने जब टोला सेवक से बेंच और डेस्क की अनुपस्थिति पर सवाल किया, तो जवाब मिला कि स्कूल को यह सुविधा नहीं मिली है। वहीं, अन्य शिक्षकों की गैरमौजूदगी पर बताया गया कि वे किसी काम से मोतिहारी गए हुए हैं। मामले के बाद एसीएस सिद्धार्थ ने स्कूल में व्यवस्था सुधारने और शिक्षकों की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाने के संकेत दिए हैं।