जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को सीतामढ़ी जिले में रुन्नीसैदपुर प्रखंड के तिलक ताजपुर और नूनौरा तथा बेलसंड प्रखंड के मधकौल गांवों में बागमती नदी के दायां एवं बायां तटबंधों के विभिन्न टुटान स्थलों पर तटबंध के रास्ते मोटरसाइकिल से जाकर निरीक्षण किया और बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभागीय अधिकारियों को कई निर्देश दिये। इस दौरान सांसद देवेश चंद्र ठाकुर और विधायक पंकज कुमार मिश्रा तथा जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा विभाग एवं जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी उनके साथ मोटरसाइकिल से ही तटबंध के टुटान स्थल तक पहुंचे।
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स्थल निरीक्षण के बाद रुन्नीसैदपुर स्थित विभागीय निरीक्षण भवन में पत्रकारों से बात करते हुए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस साल की बाढ़ ऐतिहासिक रूप से प्रचंड थी। इतिहास में पहली बार कोशी बराज के ऊपर से पानी प्रवाहित हो गया। नेपाल में विगत 27 से 29 सितंबर के बीच भारी बारिश के बाद नेपाल से आने वाली कोसी और बागमती सहित सभी नदियों में अत्यधिक जलस्राव प्रवाहित हुआ। लेकिन, जल संसाधन विभाग के मुख्यालय से लेकर फील्ड तक के अधिकारियों एवं अभियंताओं की तत्परता के कारण हमलोग बड़ी तबाही को रोक पाने में काफी हद तक सफल रहे। हालांकि तमाम स्तर पर सतर्कता और तत्परता के बावजूद कुछ इलाकों में बाढ़ को नहीं रोक पाये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत के कार्य सुचारु रूप से चल रहे हैं। साथ ही, बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों के बैंक खाते में सात हजार रुपये की दर से राहत राशि दशहरा से पहले भेज दी जाएगी।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि विगत 29 सितंबर को सीतामढ़ी जिले के सुप्पी प्रखंड में बागमती नदी पर स्थित ढेंग गेज स्टेशन, बेलसंड और कटौंझा गेज स्टेशनों पर उच्चत्तम जलस्तर दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि बागमती नदी में अप्रत्याशित अत्यधिक जलश्राव आने के कारण बागमती नदी का बायां एवं दायां तटबंध सीतामढ़ी और शिवहर जिले में कुल पांच स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया । उन्होंने आज स्थानीय जनप्रतिनिधि और विभाग के वरीय अधिकारीगण के साथ स्थल निरीक्षण कर वहां विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर टुटान स्थल से प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा करते हुए किसी अधिकारी की लापरवाही पाये जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
श्री चौधरी ने कहा कि बागमती नदी के इस साल दर्ज हुए नये उच्चतम जलस्तर के हिसाब से दोनों तटबंधों का उच्चीकरण, चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकऱण कराया जाएगा तथा शीर्ष पर सड़क का निर्माण कराया जाएगा। इससे क्षेत्र में बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ आवागमन का एक वैकल्पिक मार्ग भी मिल जाएगा। इसके अलावा बागमती नदी पर ढेंग में बराज के निर्माण के लिए अध्ययन कराया जा रहा है। बराज का निर्माण हो जाने से बागमती नदी के जल का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा, जिससे क्षेत्र में बाढ़ का प्रभाव कम होने के साथ-साथ बड़े इलाके में सिंचाई सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा कटौंझा ब्रिज के वाटरवेज का अध्ययन कराया जाएगा और पुल के पास बागमती नदी का जलप्रवाह बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएंगे। साथ ही तटबंध पर जहां भी कटाव निरोधक कार्य कराने की आवश्यकता होगी, उसे कराया जाएगा।
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जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बिहार की सभी नदियों में गाद जमा होने से उसकी अविरलता बाधित हो रही है। विभिन्न नदियों में जल प्रवाह सुचारु रूप से हो, इसके लिए गाद का प्रबंधन जरूरी है। हमलोग वर्ष 2011 से ही राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार अब इस दिशा में काम कर रही है। हम सभी चाहते हैं कि राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति जल्द तैयार हो।