भागलपुर में गंगा नदी के किनारे तीन नए समुदायिक जेट्टी का निर्माण होने जा रहा है। यह कदम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए नई रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। सुलतानगंज, कहलगांव और बटेश्वर स्थान घाट पर इन जेट्टियों का निर्माण किया जाएगा। इन स्थानों का चयन पर्यटन और व्यापारिक महत्व को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
क्यों बन रहे हैं जेट्टी?
- पर्यटन को बढ़ावा: इन जेट्टियों के बनने से पर्यटक नदी मार्ग से भागलपुर आ सकेंगे और यहां के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को देख सकेंगे।
- व्यापार को बढ़ावा: मालवाहक जहाजों के आने से स्थानीय उत्पादों को दूसरे शहरों में भेजना आसान होगा।
- रोजगार के अवसर: जेट्टियों के संचालन और रखरखाव से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- यात्रा को आसान बनाना: स्थानीय लोगों के लिए दूर की यात्रा करना आसान हो जाएगा।
कौन कर रहा है यह काम?
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भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत आने वाला भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण इस परियोजना को अंजाम दे रहा है।
अगला कदम क्या होगा?
- जमीन का सीमांकन: सुलतानगंज और कहलगांव के सीओ को जेट्टी निर्माण के लिए भूमि का सीमांकन करने का निर्देश दिया गया है।
- नक्शा तैयार करना: सीमांकन के बाद एक विस्तृत नक्शा तैयार किया जाएगा।
- निर्माण कार्य: नक्शा मिलने के बाद जेट्टी का निर्माण कार्य शुरू होगा।
यह परियोजना भागलपुर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा।