सारण : छपरा में एक रेलकर्मी के सुझबुझ और तत्परता से बड़ा रेल हादसा टल गया है। जिससे हजारों यात्रियों की जान बच गयी है। दरअसल पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के छपरा-बलिया रेलखंड के गौतमस्थान छपरा जंक्शन के मध्य सेंगर टोला गांव के समीप रेल पटरी टूटा हुआ पाया गया। निरीक्षण के दौरान ट्रैक मैन ने देखा कि पटरी चार इंच टूटा गया है, इसी बीच छपरा से बलिया के तरफ कोलकता-गाजीपुर सिटी सप्ताहिक एक्सप्रेस अपनी रफ्तार से आ रही थी, जिसके बाद ट्रैक मैन ने लाल झंडी दिखायी और लोकोपायलट दीपक कुमार और सहायक लोकोपायलट शुभांशु राज ने भी तत्परता दिखाते हुए ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक लगाकर दुघर्टना स्थल से 100 मीटर पहले हीं ट्रेन को रोक लिया गया।
इससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया। लोकोपायलट के द्वारा तुरंत इसकी सूचना कंट्रोल को दी गयी। जिसके बाद घटनास्थल रेलवे के अधिकारी और कर्मी पहुंचे और टूटे हुए रेल पटरी का रिपेयरिंग किया गया। इस दौरान करीब एक घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा है। वहीं कोलकता-गाजीपुर सिटी सप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन एक घंटे तक खड़ी रही है। रेल पटरी को रिपेयर करने के बाद ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई। फिलहाल रेल पटरी को रिपेयर कर दिया गया है। ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है। रेलवे के वरीय अधिकारी के घटना का जांच कर रहें है।
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लोको पायलट की तत्परता
ट्रैक मैन द्वारा दी गई चेतावनी को सही समय पर समझते हुए, ट्रेन के लोकोपायलट दीपक कुमार और सहायक लोकोपायलट शुभांशु राज ने तुरंत अपनी सूझबूझ का परिचय दिया। दोनों ने ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक को सक्रिय कर दिया और ट्रेन को 100 मीटर पहले ही रोक दिया। इस कार्यवाही के कारण, ट्रेन दुर्घटनास्थल से पहले ही रुक गई और एक बड़ा हादसा होने से बच गया। अगर ट्रेन की गति कम नहीं की जाती, तो पटरी टूटने के कारण रेलगाड़ी पलट सकती थी या गंभीर दुर्घटना हो सकती थी।
तत्परता से बची हजारों यात्रियों की जान
लोको पायलट के द्वारा तुरंत ट्रेन को रोकने और बाद में कंट्रोल रूम को सूचित करने के बाद, घटनास्थल पर रेलवे के उच्च अधिकारी और कर्मी पहुंचे। अधिकारियों ने तुरन्त टूटे हुए पटरी की मरम्मत का काम शुरू किया। इस दौरान, ट्रेनों का परिचालन लगभग एक घंटे तक बाधित रहा। कोलकाता-गाजीपुर सिटी सप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन भी इस दौरान एक घंटे तक खड़ी रही। हालांकि, इस समयावधि में सभी यात्री सुरक्षित थे, और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में रही।
मरम्मत के बाद परिचालन पुनः शुरू हुआ
पटरी की मरम्मत के बाद, रेलवे कर्मचारियों ने ट्रैक को पूरी तरह से दुरुस्त किया और फिर ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया। हालांकि इस घटना से ट्रेनों की गति थोड़ी प्रभावित हुई, लेकिन यह तय समय पर सामान्य हो गया।