पटना : बिहार भूकंप की दृष्टि से काफी संवेदनशील राज्य है। राज्य के 8 जिले भूकंप जोन-5 में तथा पटना सहित 24 जिले भूकंप जोन-4 के अंतर्गत आते हैं। प्राधिकरण द्वारा राजमिस्त्रियों को भूकंपरोधी निर्माण की तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्णय के आलोक में अब तक लगभग 20,000 राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत के अभिनव दृष्टिकोण एवं आपदा प्रबंधन में नवीनतम तकनीक के समावेश के उनके निरंतर प्रयासों के तहत यह निर्णय लिया गया कि राजमिस्त्रियों को नवीनतम तकनीक के आधार पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, जिससे उनकी आजीविका में सतत उन्नयन का मार्ग प्रशस्त हो। उन्हें प्रदान किए जाने वाले प्रमाण पत्र की मान्यता देश एवं वैश्विक स्तर पर हो।
उपाध्यक्ष के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में राजमिस्त्री प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन – एन.एस.डी.सी.) से एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) दिनांक 5 सितंबर, 2024 को हस्ताक्षरित हुआ है। 26 करोड़ की लागत वाली इस महत्वाकांक्षी योजना की अवधि 3 वर्षों की है। इसके तहत राज्य के सभी 534 प्रखंडों के 30-30 राजमिस्त्रियों को दस दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्हें ₹700 प्रतिदिन की दर से क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाएगा। एक उन्नत टूल किट एवं प्राधिकरण तथा निगम के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।
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आज मंगलवार को सभाकक्ष में प्राधिकरण के सचिव मीनेंद्र कुमार तथा एन.एस.डी.सी. के नेशनल हेड मयंक भटनागर द्वारा एम.ओ.यू. का औपचारिक आदान-प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्राधिकरण के सलाहकार (तकनीकी) डॉ. बी.के. सहाय द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया गया। निगम द्वारा शेक टेबल का भी प्रदर्शन किया गया एवं प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।