तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे युवा कल्याण एवं खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है। सनातन धर्म की अपमान मामले में आरा कोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने माना है कि उदयनिधि स्टालिन के बयान से धार्मिक भावना आहत हुई है। परिवादी और अन्य गवाहों के गवाही के पश्चात आरा कोर्ट ने उदय निधि स्टालिन के विरुद्ध आईपीसी 298 के तहत संज्ञान लिया है। उन्हें 1 अप्रैल 2024 को आरा कोर्ट में उपस्थित होने को कहा गया है। अगर उनकी उपस्थिति नहीं होती है तो कोर्ट आगे की कार्यवाई करेगी।
बता दे कि बीते वर्ष सितंबर 2023 में उदय निधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि ‘सनातन धर्म को मच्छर,डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा’। तमिलनाडु के मंत्री ने कहा था सनातन धर्म का विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा क्योंकि यह लोगों को जातियों में बाटता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है।
इसके बाद अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने उदयनिधि के खिलाफ जिला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां परिवाद दायर किया । परिवाद पत्र में कहा है कि ‘मैं सनातन धर्म का अनुयायी हूं और उदय निधि स्टालिन के द्वारा दिए गए घृणास्पद भाषण से व्यथित हूं’। परिवाद पत्र के माध्यम से यह बात बताई गई है कि उदय निधि स्टालिन के भाषण ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। हिंदू धर्म के अनुयायियों का अपमान किया और धर्म के आधार पर विभिन्न समूह के बीच धर्म विभेद का काम किया है।
जहां उन्होंने अपराधिक आशय से जनसैलाब को संबोधित करते हुए ‘सनातन धर्म को डेंगू, कोरोना वायरस और मलेरिया’ जैसे शब्दों से संबोधित करते हुए ‘उन्मूलन’ यानी समाप्त करने के व्यक्तव्यों के साथ जनसमूह को भड़काया जो विद्वेषपूर्ण भावना से वर्गों के बीच शत्रुता का समर्थन कर राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछनपूर्ण भाषण दिया है। परिवाद पत्र में उदयनिधि स्टालिन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने,घृणा उत्पन्न करने वाला,वर्ग विवेध पैदा करने वाला और राष्ट्रीय एकता तथा अखंडता को खंडित करने वाला बताया गया था ।
अधिवक्ता धरनी धर पांडेय ने जुर्म दफा 120(B),153(A),153(B),295(A) तथा 298 की अंतर्गत परिवार पत्र दाखिल किया था। वहीं शिकायतकर्ता के मुख्य गवाह अधिवक्ता आदित्य ने बताया कि इस देश में किसी धर्म और जाति को लेकर टिप्पणी करना कानून के खिलाफ है। इसी को लेकर उन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की थी । जिसको लेकर कोर्ट में परिवार दायर किया गया था । कोर्ट ने अब उसपर संज्ञान ले लिया है और आने वाले दिनों में उनका स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर जमानत करना होगा । वही कोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई 1 अप्रैल 2024 को होगी ।