बिहार में शराबबंदी को लेकर राजनीतिक माहौल गरम है। सारण शराबकांड के बाद बैकफुट पर आई सरकार को बाहर निकलने की राह नहीं मिल रही है। तो दूसरी ओर विपक्ष की ओर से रोज नए हमले हो रहे हैं। इन हमलों के चेहरे देखें तो उस प्रशांत किशोर का चेहरा पहली ही पंक्ति में दिखता है, जो कभी नीतीश के इतने करीबी थे कि उन्हीं के बंगले में रहते थे। अब प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के सभी करीबी शराब पीते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 48 घंटों में शराबबंदी समाप्त कर देना चाहिए।
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पहली बार शराबबंदी खत्म करने की मांग उठी
वैसे तो शराबबंदी के फायदे और नुकसान गिनाने वाले नेताओं की लंबी लाइन है। लेकिन पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर पहले ऐसी हस्ती हैं जिन्होंने शराबबंदी समाप्त करने की मांग की है। गुरुवार को शिवहर जिले में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। शराबबंदी के मामले पर उन्होंने कहा कि 48 घंटों के अंदर बिहार में शराबबंदी समाप्त कर देना चाहिए। पदयात्रा के दौरान देखने को मिला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लोगों के मुंह से शराब की बदबू आती है। ऐसे में शराबबंदी कहां है? जिन महिलाओं का हवाला मुख्यमंत्री देते हैं, उन गरीब महिलाओं की हालत और खराब हो गई है। उनपर अत्याचार की घटना बढ़ी है। उनके पति को बेवजह पुलिस पकड़ कर जेल भेजा देती है। महिलाओं को पुलिस प्रशासन और कचहरी का चक्कर लगाने होते हैं। लेकिन बड़े लोग व अमीर लोगों पर पुलिस हाथ नहीं आती है।
“गांधी ने कभी नहीं कहा सरकार बंद कराए शराब”
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को चुनौती दी है। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मुझे किसी से डर नहीं लगता है। नीतीश कुमार के आसपास रहने वाले अधिकारी-मंत्री शराब पीते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बता दें कि महात्मा गांधी ने कहां कहा है कि राज्य सरकार को शराबबंदी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए मुख्यमंत्री कभी समाजवादी बनते हैं तो कभी गांधीवादी बनते हैं। ये लोग सुविधा अनुसार गांधी के नाम का इस्तेमाल करते हैं।