बिहार की पूर्णिया सीट से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने मंगलवार को गैर जमानती वारंट जारी किया। गाजीपुर के अपर सत्र न्यायाधीश/एमपी-एमएलए जज शक्ति सिंह ने पप्पू समेत 11 लोगों के विरुद्ध वारंट जारी किया है। करीब 31 साल पुराने मामले में पप्पू यादव के पेश न होने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। और अगली सुनवाई के लिए चार नवंबर की तारीख तय की है।
सांसद पर आरोप है कि आठ नवंबर 1993 को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मुहम्मदाबाद में विरोधी दलों की सभाओं में गड़बड़ी पैदा करने के लिए तत्कालीन विधायक पप्पू यादव और उमेश पासवानउजियार घाट आ रहे थे। उनके साथ बड़ी संख्या में अराजकतत्व भी मौजूद थे। तत्कालीन थानाध्यक्ष बीएन सिंह ने अपनी फोर्स के साथ पप्पू यादव और उमेश पासवान को रोका।
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उनकी रिपोर्ट पर दोनों तत्कालीन विधायकों समेत 11 लोगों के खिलाफ चुनाव और शांति व्यवस्था में व्यवधान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कराया। सीजेएम कोर्ट में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को 31 जुलाई 2023 को दोषमुक्त कर दिया।
इस फैसले के खिलाफ जिला शासकीय अधिवक्ता कृपाशंकर राय ने छह सितंबर 2023 को जिला जज की अदालत में अर्जी दाखिल की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद उन्होंने मामले को एमपी/एमएलए कोर्ट में भेज दिया। अपर सत्र न्यायाधीश/एमपी एमएलए जज शक्ति सिंह ने मंगलवार को सुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर सांसद पप्पू यादव समेत 11 लोगो के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी किया।