राष्ट्रीय जन लोक दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार ने कसम खाई थी कि 2005 से पहले वाली स्थिति से बिहार को निकालेंगे। घूम घूम कर नीतीश कुमार ने कहा था कि हम बिहार बदलेंगे। नीतीश कुमार की सरकार में यह काम हुआ भी। लेकिन जिस तूफान से बिहार को निकाला गया था, नीतीश कुमार फिर वहीं ले आए। लेकिन हमलोग उस कसम को भूले नहीं हैं। हमारी लड़ाई व्यक्ति की नहीं है। हमारी लड़ाई बापू और जननायक कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने की लड़ाई है।
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हमें कुर्सी का मोह नहीं : उपेंद्र कुशवाहा
जब हमने पार्टी के अंदर कोशिश की, तो मेरे बारे में क्या क्या कहा जाने लगा। अनर्गल बातें की गई। कहा गया कि मेरे उपर कृपा की गई। लेकिन ऐसा कहने वाले ये भूल गए कि जिस कुर्सी पर जनता का भला नहीं हो सकता, उसका त्याग करने में देरी नहीं लगेगी। हमने कुर्सी छोड़ी और संघर्ष शुरू किया है। हमें अहसान नहीं चाहिए। हम जनता के हितों के लिए काम करना चाहते हैं। राज्यसभा की सदस्यता हो या केंद्रीय मंत्री की कुर्सी, हमने तुरंत त्याग कर दिया।
कुशवाहा की यात्रा शुरू
गौरतलब है कि ‘विरासत बचाओ, नमन यात्रा’ की शुरुआत 28 फरवरी से की है। सबसे पहले मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा ने भितिहरवा में सभा की। उसी सभा में उपेंद्र कुशवाहा ने यह बातें कहीं हैं। यह यात्रा दो चरणों में होने वाली है। पहला चरण छह मार्च तक चलना है। इसमें पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, मधेपुरा, समस्तीपुर, सारण होते हुए सिवान तक यह यात्रा पहुंचेगी। इसके बाद 15 मार्च से दूसरा चरण शुरू होगा।