बिहार की राजनीति में आज एक बड़ा उलट-फेर देखने को मिला। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का पिछले कुछ समय से अपनी ही पार्टी से मोहभंग होता हुआ दिख रहा है। जिसके बाद से ये आशंका लगाई जा रही है कि वो जेडीयू छोड़ने वाले है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से भी ये साफ कर दिया गया है, कि उपेंद्र कुशवाहा के छोड़ कर जाने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।
वो जब छोड़ कर जाना चाहे जा सकते हैं। जिसके बाद से जेडीयू के तमाम नेता भी उपेंद्र कुशवाहा पर हमला तेज कर दिया है। स्थिति ऐसी हो गई है कि जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने तो उपेंद्र कुशवाहा को इस्तीफा देने की चुनौती दे डाली है। आज उपेंद्र कुशवाहा ने खुद मीडिया के सामने आकार नीतीश कुमार पर आरोपों की बौछार कर दी है।
‘RJD-JDU के डील का हो खुलासा’
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कई तरह की बातें मेरे बारे में चल रही हैं। उसमें सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हो गए हैं। जो कुछ भी पार्टी के बारे में हमने अलग अलग समय पर चर्चा की है। सीएम ने कहा कि मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं होनी चाहिए। बात पार्टी के मंच पर या मिलकर होनी चाहिए। सीएम से मैं जानना चाहता हूं कि सबसे पहले किसने शुरुआत की। जब दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे, तब उन्होंने मीडिया से कहा कि उपेंद्र कुशवाहा से कह दीजिए बात करें। उन्होंने ही मीडिया से बात करने की शुरुआत की। शुरुआत हमने नहीं की।
पार्टी के किस मंच पर बात हो, बताएं। एक सप्ताह पहले ही हमने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग की थी। सभी चर्चाओं पर बात करना चाहता हूं। राजद से क्या डील हुई? या सभी बातों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाना चाहते हैं। हमारे कहने के बाद भी बैठक नहीं हो रही है तो कहां बात करें? लेकिन मंच है कहां? बुलाइए बैठक। बैठक करना है तो अविलंब करें। बैठक होती है तो हम जाएंगे, उसमें बात करेंगे। राजद से डील से लेकर हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं हम।
‘कमजोर हो रही JDU’
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में सीएम से मिलकर पार्टी के कमजोरी के बारे में बात की। कुढ़नी सहित बाकी उपचुनाव के नतीजों पर सीएम से मिलकर बात की है। हमने बताया है कि कैसे पार्टी कमजोर हुई है। हमें लगा कि सीएम एक्शन लेंगे या कुछ करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सीएम ने कहा कि कैसे बात कर रहे हैं कि पार्टी कमजोर हो रही है। तो उन्होंने पूछा कि भाजपा में जाइएगा क्या? ऐसे बात करेंगे सीएम तो मिलकर क्या बात होगी? 2020 में ही जदयू कमजोर हो गई। 2021 में विलय के वक्त ही हमने कहा था कि पार्टी कमजोर है। इसे नंबर 1 बनाने में हम अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहते हैं।
नीतीश पर अनदेखी करने का आरोप
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमने सीएम को राय दिया कि जिन्हें भी वो चाहें बुलाएं और पार्टी की मजबूती पर चर्चा कीजिए। हमने आग्रह किया और सीएम ने हामी भी भरी। लेकिन आज तक कुछ भी उस दिशा में नहीं हुआ। ऐसे में मिलकर और दूसरी क्या बात होगी। 2021 में मेरे जदयू में आने के बाद जब जब जरुरत पड़ी है मैंने ही सीएम को फोन किया है। एक बार फिर सीएम ने मुझे नहीं बुलाया दो वर्षों में। चाहे कोई भी मुद्दा हो। लोग उनके आसपास रहते हैं जो हर दिन रहते हैं। लेकिन मुझे पांच मिनट भी बुलाकर बैठाकर बात नहीं की। अगर मेरे कहने में कुछ भी गलत हो तो सीएम खुद बोलें।
उन्होंने आगे कहा कि मेरी भी संतान है और सीएम की भी। दोनों कसम खाएं कि मैं सच बोल रहा हूं कि नहीं। अभी भी सीएम जिस दिन कहेंगे उस उनके साथ जाकर बैठने के लिए तैयार हैं। किसी भी मंच पर मैं जाने को तैयार हूं। चाहे वो पार्टी का मंच हो या निजी मंच। समता पार्टी में हमलोगों ने संघर्ष किया। जदयू बरबाद हो रही है, इसका दर्द मुझे है। सीएम ने फिर कहा कि मैं दो-तीन बार आया गया। लेकिन मैं ही अकेले ऐसा नहीं हूं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत कई लोग हैं जो आए-गए हैं। श्रवण कुमार और लेशी सिंह की तरह कुछ लोग हैं जो लगातार हैं। लेकिन बहुत से लोग हैं जो आए और गए और फिर लौट कर आए हैं।
‘नीतीश के बुलाने पर JDU में शामिल हुए‘
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीएम ने कह दिया कि अपने मन से पार्टी में आए। हम दो बार जदयू में आए। 2009 में दिसंबर में आए। 2009 के 31 अक्टूबर को पटेल सेवा संघ में आयोजित कार्यक्रम में सीएम भी आए थे। मैं भी गया था। उस कार्यक्रम में हम दोनों थे। तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाषण देते हुए कहा था कि उपेंद्र जी आ जाइए हमारी पार्टी में। 2021 में चुनाव परिणाम आने के बाद विधानसभा का पहला सत्र चल रहा था। तब तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा था कि एक बेटा है आपको और वो भी आपका है कि नहीं, पता नहीं। जब सीएम के बारे में ऐसी बात की गई तो मैं अपमानित महसूस किया। तब मैंने कहा था कि यह ठीक नहीं है।
उसके बाद 2020 चुनाव के बाद सीएम हाउस से कॉल आया और मैंने बात की। सीएम हाउस का कॉल डिटेल देख लीजिए। उस दौरान मैंने कभी उन्हें कॉल नहीं किया। खुद सीएम ने कॉल किया। बाद में पार्टी के दो बड़े नेताओं ने मध्यस्थता की और फिर मैं इस पार्टी में आया। पहली मुलाकात में सीएम असहाय फील कर रहे थे। सीएम के खिलाफ जिस तरह बात विधानसभा में हो रही थी, किसी ने उनके पक्ष में नहीं बोला। मुझसे मुलाकात के बाद सीएम ने कहा कि पता नहीं मैं कितना दिन रहूंगा, आइए आप संभालिए। इसलिए यह कहना कि अपने मन से आया, बिल्कुल गलत है।
पार्टी जब जब कमजोर हुई, तब तक मेरी खोज हुई। 2009 के तुरंत पहले विधानसभा का उपचुनाव हुआ था। 17 सीटों के चुनाव में जदयू बुरी तरह पिटी थी। तब मुझे याद किया गया। 2020 में 43 सीटों पर पर सिमट गए तब मुझे याद किया गया।
‘नीतीश को कोई और हैंडल कर रहा’
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि मुझे सीएम से यही कहना है कि अपनी इच्छा से काम कीजिए। अपना-पराया पहचान कर काम करिए। जिस तरह की स्थिति अभी है, कुछ लोग सीएम को हैंडल करते हैं वैसे ही सीएम करते हैं। यह ठीक नहीं है। 2005 से अब तक बिहार की जनता ने नीतीश कुमार पर भरोसा किया है। लेकिन आप अपनी डिपेंडेंसी नहीं बदलिएगा तो अभी नुकसान हुआ है तो नुकसान की भरपाई नहीं कर पाइएगा। साबित कर सकते हैं कि कैसे लोगों से हैंडल हो रहे हैं सीएम नीतीश कुमार
उनके कहने से मैं नहीं जा सकता हूँ। मेरा भी हिस्सा है जेडीयू में और उसे लिए बिना मैं नहीं जाऊंगा। मैं अभी भी पार्टी में रहूँगा किसी के कहने पर पार्टी नहीं छोडूंगा।