नई नवेली राजनीतिक पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू से अपना आखिरी नाता भी तोड़ लिया है। अब वो पूरी तरह से जदयू से अलग हो गए हैं। दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने आज यानी शुक्रवार को एमलसी पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद से उनके नाम के साथ लगा जदयू एमलसी का टैग भी हट गया है। दोपहर करीब 3 बजे उन्होंने विधान परिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 4638 असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली रद्द
“जमीर बेचकर आमिर नहीं बनना”
बता दें कि लंबे वाद-विवाद के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू से नाता तोड़ लिया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तमाम आरोप लगाने के बाद 20 फरवरी को उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पार्टी की भी घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि वो एमलसी पद से भी इस्तीफा दे देंगे। वहीं आज उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। विधान परिषद् के सभापति को इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात की।
उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को कह रहे थे कि मुझे एमलसी बना कर बहुत कृपा की है। इसलिए उनसे कहना चाहता हूँ कि मैं किसी के कृपा के तले नहीं रह सकता हूँ। मैं कभी भी व्यक्तिगत सुख सुविधा के लिए राजनीति नहीं करता हूँ। उन्होंने ये भी कहा कि मैं कभी भी जमीर बेचकर आमिर नहीं बन सकता हूँ। यदि मैंने जमीर बेच दिया होता तो आज आराम से कुर्सी पर बैठे रहता, तब भी मुझे कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन मुझे लोगों की चिंता है, इसलिए मैंने सदन छोड़कर,सड़क पर जाने का निर्णय लिया है।