बिहार के शिक्षा विभाग के विवाद पर सियासत भी गरमाई हुई है।के.के. पाठक ने शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव के कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दिया है। पूरा मामला तब शुरू हुआ जब आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव ने पीत पत्र भेजकर के.के. पाठक की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। जिसके जवाब में के. के. पाठक ने पीतपत्र लिखकर आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव के कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दिया।
इस पूरे विवाद पर लालू यादव और नीतीश कुमार की एंट्री हो चुकी है। वे पुरे विवाद को खत्म करना चाहते हैं। लेकिन इनसब के बीच रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का बयान सामने आया है। उन्होंने नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि ये शिक्षा विभाग है या कव्वाली का अखाड़ा?
सवालों से बचते दिखे शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के विवाद पर ‘ऑल इज वेल’ का दावा
उपेंद्र कुशवाहा का तंज
उपेंद्र कुशवाहा ने एक ट्वीट कर शिक्षा विभाग के विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा कि “माननीय मुख्यमंत्री जी, आपका शिक्षा विभाग है या कव्वाली का अखाड़ा ?, जहां एक सनकी मंत्री और एक महासनकी अधिकारी के बीच भिड़ंत चल रहा है…! अधिकारी ऐसा जो आप ही की तरह अपने को आपके बाद दुनिया का सबसे अधिक ज्ञानी समझता है और मां. मंत्री जी के बारे में तो कहना ही क्या..! शिक्षा मंत्री के काम के अतिरिक्त बाकी सभी काम करने में दक्षता हासिल है उनको। संभालिए सर, अन्यथा आने वाली पीढ़ी कोसेगी।”
विवाद सुलझाने में लगे CM नीतीश
बता दें कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और के.के. पाठक के बीच चल रहे विवाद में लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी एंट्री हो चुकी है। सुबह-सुबह ही प्रो. चंद्रशेखर लालू यादव से मिलाने पहुंचे थे। उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केके पाठक और शिक्षामंत्री को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया। ऐसा कहा जा रहा कि दोनों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवाद खत्म करने को कहा है। जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरीऔरमंत्री बीजेंद्र प्रसाद यादव भी मौजूद रहे।