बीते कुछ दिनों में बिहार की राजनीतिक घटनाओं ने अलग ही करवट ली है। पहले नीतीश कुमार यह कहते थकते नहीं दिखे कि तेजस्वी ही अगले नेता होंगे। लेकिन जैसे ही नीतीश कुमार ने अपने बयान में तेजस्वी को सत्ता देने की डेट 2025 बताई, राजद का धैर्य टूट गया। तेजस्वी भले ही संयत हैं। लेकिन नीतीश कुमार से पहले से खार खाए पूर्व मंत्री व राजद विधायक सुधाकर सिंह ने बयानों का गोला दागना शुरू कर दिया। बौखलाए उपेंद्र कुशवाहा ने तो आर-पार की तैयारी कर ली।
सुधाकर ने ठान लिया, जब तक तोड़ेंगे नहीं, छोड़ेंगे नहीं
नीतीश का अपमान बर्दाश्त नहीं : उपेंद्र
जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा मंगलवार को पटना पहुंचे। जाहिर तौर पर सुधाकर की सुबह वाली चिट्ठी की पूरी खबर उन्हें थी। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर पर कोई रहम नहीं की। जिस भाषा में सुधाकर ने चिट्ठी लिखी, उससे कड़ी भाषा में उपेंद्र ने तेजस्वी को चेतावनी दी। उपेंद्र ने कहा कि राजद नेतृत्व को विधायक सुधाकर सिंह पर करवाई करनी होगी। सीएम नीतीश कुमार पर किसी तरह के हमले पर चुप नहीं रहेंगे। गाली देना ठीक नहीं है। हम सभी काफ़ी आहत हैं। सुधाकर सिंह मामले में बीच बचाव करने वाले राजद नेताओं का व्यवहार आहत करने वाला है।
सुधाकर से मंत्री पद छीन लिया तो अब कार्रवाई से डर क्यों?
उपेंद्र कुशवाहा और सुधाकर सिंह की सीधी टक्कर तीखी इसलिए हो गई है क्योंकि दोनों एक दूसरे के नेता पर निशाना साध रहे हैं। पूरे मामले में राजद नेतृत्व पर सवाल खड़ा हो रहा है। क्योंकि जब नीतीश कुमार की नीति के खिलाफ जाने से राजद सुधाकर सिंह को मंत्री पद से हटने का माहौल बना सकता है। तो अब नीतीश कुमार पर विवादास्पद टिप्पणी के बाद भी तेजस्वी या दूसरे बड़े नेता चुप क्यों हैं? सवाल यह है कि क्या सुधाकर सिंह के तेवरों को तेजस्वी यादव की मौन सहमति है? या फिर राजद नीतीश पर दबाव बनाकर जल्दी से सीएम पद से नीतीश को हटाना चाह रहा है। क्योंकि इसका इशारा तो सुधाकर ने साफ किया है कि वायदे के मुताबिक अब तक सत्ता हस्तांतरण नहीं हुआ है। यानि नीतीश कुमार ने सीएम पद नहीं छोड़ा है।
तेजस्वी को सीधे संबोधन से उपेंद्र की मंशा पर भी सवाल
दरअसल, पूरे मामले में उपेंद्र कुशवाहा का भी व्यवहार सवालों के घेरे में है। क्योंकि सुधाकर की बात का जो रिप्लाई उपेंद्र कुशवाहा ने दिया है कि वो तो पूरे राजद के अस्तित्व पर ही कालिख पोत रहा है। उपेंद्र को अगर सिर्फ सुधाकर को जवाब देना होता तो उनके बारे में कहते। लेकिन उपेंद्र ने सीधे तेजस्वी को संबोधित किया। साथ ही राजद के कार्यकाल को एक बार फिर बिना कहे जंगलराज कह दिया। सीएम नीतीश की मर्दानगी साबित करते करते उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के साथ गठबंधन का हर धागा खोल दिया। अब देखना यह है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अपनी पार्टी के नेताओं को संभालते हैं या बयानों के इस आग में बिहार की राजनीति फिर कोई और करवट लेगी।