शराबबंदी वाले बिहार में शराब माफियाओं की सक्रियता का कोहराम ऐसा मचा हुआ है कि कुछ महीनों के अंतराल पर जहरीली शराब का तांडव साफ दिख जाता है। इस बार सारण प्रमंडल के दो जिलों सीवान और सारण में ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। दोनों जिलों में कम से कम 24 लोग जहरीली शराब के कारण मर गए, ऐसा बताया जा रहा है। नीतीश सरकार की शराबबंदी वैसे भी विपक्ष के निशाने पर रहती है और अब प्रशांत किशोर जैसे नेता तो शराबबंदी को ही अवैध बता रहे हैं। ऐसे में नीतीश सरकार के मद्य निषेध मंत्री का दावा है कि वे शराब माफियाओं पर नकेल कस लेंगे। शराब माफियाओं पर मंत्री रत्नेश सदा कैसे नकेल कसेंगे, इसका फॉर्मूला भी तैयार कर लिया गया है।
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बिहार के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा का कहना है कि शराब माफिया और कारोबारियों के खिलाफ सीसीए लगाया जाएगा। इसके लिए मंत्री ने खुद सीएम नीतीश कुमार से बात करने का भरोसा जताया है। मंत्री ने कहा कि “सीवान और छपरा में जो घटना पिछले दो तीन दिनों में हुई है वह बहुत दुखद है। जिन परिवारों के लोग मरे हैं या किसी अन्य रूप में शिकार बने हैं उनके प्रति सरकार की गहरी संवेदना है। घटना के बाद उत्पाद अधीक्षक और मद्य निषेध विभाग के पदाधिकारी प्रभावित क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं। मामले की जांच के लिए एस आई टीम का गठन कर दिया गया है। जो भी दारू बना रहा है या कच्चा दारू का इस्तेमाल कारोबार के लिए कर रहा है उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। बाहर से दारू लाकर बेचने और पिलाने वालों पर भी कार्रवाई होगी। जो भी दोषी होंगे वे बख्शे नहीं जाएंगे।”
हालांकि अपराध पर लगाम लगाने के वादों के बीच मंत्री रत्नेश सदा ने नीतीश कुमार द्वारा की गई शराबबंदी को सफल भी बताया। उन्होंने कहा कि “शराबबंदी का बहुत फायदा हुआ है। लेकिन सामाजिक जागरुकता जरुरी है। जब तक शराब माफिया का प्रतिकार सामाजिक स्तर पर नहीं होगा तबतक शराबबंदी का पूरा लाभ नहीं मिलेगा। शराबंदी के कारण कोई भी प्रत्यक्ष तौर पर न तो शराब बेच सकता है और नहीं पी सकता है। यह शराबबंदी से संभव हुआ है।”