बिहार की वैशाली लोकसभा सीट से एक बार फिर वीणा सिंह चुनाव लड़ेंगी। यह ऐलान वीणा देवी ने खुद किया है। 2019 में पहली बार वैशाली से ही सांसद बनीं वीणा देवी लोकजनशक्ति पार्टी से एनडीए की उम्मीदवार थीं। राजद के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को 2.34 लाख वोटों से हराकर पहली बार लोकसभा पहुंची वीणा देवी ने अगला चुनाव भी वैशाली से ही लड़ने का ऐलान किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद लोजपा में हुई टूट के दौरान पारस गुट में शामिल वीणा देवी अब पूरी तरह चिराग पासवान के साथ हैं।
चिराग के विजन के साथ वीणा
वीणा देवी ने कहा है कि मैं वैशाली की बहू हूं। यहां से पहली बार सांसद बनी। एनडीए की उम्मीदवार के तौर पर जनता ने मुझे लोकसभा भेजा है, आगे भी यहीं से एनडीए से चुनाव लड़ना है। वीणा देवी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे पूरी तरह चिराग पासवान के विजन के साथ हैं। उन्हीं को अपना नेता मानती हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी का विजन है बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट है। इसी विजन को आगे बढ़ाना है।
वीणा के फैसले ने एक टकराव टाला!
बिहार में चिराग पासवान और पशुपति पारस गुट लगातार सीटों पर टकराव की ओर बढ़ रहा है। पहले चिराग पासवान ने हाजीपुर की सीट पर अपना दावा किया। तो बदले में पशुपति पारस ने जमुई सीट को लेकर बयान दिए। इसके बाद चिराग पासवान ने समस्तीपुर सीट पर भी दावा किया, जहां से पारस गुट के प्रिंस पासवान सांसद हैं। वैशाली सीट को लेकर अभी तक दोनों गुटों में टकराव सामने नहीं आया था। अब वीणा देवी के फैसले से लग रहा है कि इस सीट पर चिराग और पारस गुट में टकराव नहीं होगा।
वैशाली से वीणा देवी ने रचा था इतिहास
वैशाली लोकसभा सीट से एनडीए की उम्मीदवार के तौर पर वीणा देवी 2019 में इतिहास रच चुकी हैं। लगातार 5 बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह वैसे तो 2014 में भी हारे थे। 2014 में रघुवंश प्रसाद सिंह को एनडीए उम्मीदवार रामा सिंह ने 99 हजार वोटों से हराया था। लेकिन 2019 में एनडीए उम्मीदवार बनीं वीणा देवी ने रघुवंश प्रसाद सिंह को 2.34 लाख वोटों से हराया। 5.68 लाख वोट पाकर वीणा देवी ने इतिहास रचा था। उस चुनाव में पड़े मतों में से 52 फीसदी से अधिक मत वीणा देवी को ही मिले थे। अब एक बार फिर वीणा देवी इस सीट से उम्मीदवार हुईं तो महागठबंधन के सामने उम्मीदवार चुनने की बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि 1996 से 2014 तक लगातार रघुवंश प्रसाद सिंह ही सांसद रहे हैं। लेकिन अब रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हो चुका है। ऐसे में महागठबंधन को वीणा देवी के सामने नया उम्मीदवार चुनना होगा।