बिहार में स्कूली शिक्षकों के राज्यकर्मी बनने की दिशा में राज्य सरकार ने अपने कदम 11 अक्टूबर को ही बढ़ा दिए। शिक्षकों की यह पुरानी मांग है, जिसको लेकर सरकार की ओर से बार बार आश्वासन दिए जाते रहे हैं। लेकिन 11 अक्टूबर को बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 का प्रारूप जारी कर दिया गया। इस प्रारूप में स्पष्ट है कि बीपीएससी से बहाल होने वाले शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों को भी सुविधाएं और वेतनमान दिया जाएगा। नए प्रारूप के लागू होने के बाद शिक्षकों का वेतन बढ़ना तो तय है लेकिन उनके लिए कई नए नियमों का भी प्रावधान किया गया है। इस प्रारूप पर सुझाव देने के लिए एक सप्ताह का समय विभाग ने दिया था। संबंधित व्यक्ति इस प्रारूप के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को ई-मेल के माध्यम से सुझाव दे सकते थे। अब सुझाव देने की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है लेकिन इससे पहले विभाग को एक लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।
चार लाख नियोजित शिक्षकों का मामला
राज्यकर्मी बनने की राह पर कुल 4 लाख शिक्षक हैं। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 के प्रारूप पर जो सुझाव आए हैं, उनमें विशिष्ट शब्द पर ही कई शिक्षकों को आपत्ति है। साथ ही नियमावली में राज्यकर्मी शब्द की स्पष्ट चर्चा करने का भी सुझाव है, जो अभी नहीं है। इसके अलावा कई सुझावों में सेवा समाप्ति के प्रावधान को समाप्त करना शामिल है।
इन नियमों का पालन नहीं करने पर हो सकती है बर्खास्तगी
- कार्य से अनधिकृत अनुपस्थिति
- जानबूझकर अनुशासनहीता
- विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में योगदान न देना
- वित्तीय अनियमितता के मामले
- सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी का अभाव
- किसी भी आपराधिक मामले में शामिल होना
विभाग करेगा सुझावों पर विचार
राज्यभर से आए सुझावों पर अब शिक्षा विभाग विचार करेगा। इसके बाद यह तय होगा कि किसी सुझाव पर अमल किया जाएगा या नहीं। सुझावों पर विचारों के बाद नियमावली कैबिनेट में जाएगी।