बिहार और उत्तर प्रदेश में फैली ऐतिहासिक बेतिया राज की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बिहार सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित कर बेतिया राज की 15,538 एकड़ जमीन पर अधिकार स्थापित कर लिया है। अब सरकार इस जमीन का उपयोग सार्वजनिक कल्याण और विकास परियोजनाओं के लिए करेगी।
पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बताया कि बेतिया राज की कुल जमीन में से 9,759 एकड़ पश्चिम चंपारण में और 5,320 एकड़ पूर्वी चंपारण में है। इसमें से अधिकांश जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है। पश्चिम चंपारण में 6,505 एकड़ और पूर्वी चंपारण में 3,221 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। इसके अलावा, सिवान, गोपालगंज, सारण और पटना जिलों में भी बेतिया राज की जमीन अतिक्रमण के अधीन है।
उत्तर प्रदेश में बेतिया राज की 143 एकड़ जमीन है, जिसमें प्रयागराज, गोरखपुर, कुशीनगर, वाराणसी और अन्य जिलों में फैली संपत्तियां शामिल हैं। इन जमीनों का सर्वे और उपयोग की योजना बिहार सरकार की देखरेख में चल रही है।
सरकार ने इन जमीनों पर मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य विकास परियोजनाएं स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। जिलाधिकारी राय ने बताया कि राजस्व पर्षद के अध्यक्ष के.के. पाठक के नेतृत्व में जमीनों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सरकार ने बेतिया राज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई है। हर जिले में एडीएम स्तर के अधिकारी आपत्तियों की सुनवाई करेंगे और 60 दिनों के भीतर निर्णय लेंगे। इसके बाद अपील की प्रक्रिया भी तय समय सीमा में पूरी की जाएगी।
बिहार में जमीन वितरण:
पश्चिम चंपारण: 9,759 एकड़ (6,505 एकड़ पर अतिक्रमण)
पूर्वी चंपारण: 5,320 एकड़ (3,221 एकड़ पर अतिक्रमण)
सिवान: 7.29 एकड़
गोपालगंज: 35.58 एकड़
सारण: 88.41 एकड़
पटना: 4.81 एकड़
उत्तर प्रदेश में जमीन वितरण:
प्रयागराज: 4.54 एकड़
गोरखपुर: 50.92 एकड़
कुशीनगर: 61.16 एकड़
वाराणसी: 10.31 एकड़