बिहार के वन एवं पर्यावरण सह सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार देर रात वाल्मीकिनगर पहुंचे। दौरे के अंतिम दिन सोमवार को अतिथि भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
वाल्मीकिनगर: बढ़ती लोकप्रियता और विकास की संभावनाएं
डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि बिहार का इकलौता इको टूरिज्म स्थल वाल्मीकिनगर आज अपनी पहचान के लिए मोहताज नहीं है। इसकी ख्याति तेजी से विश्व पटल पर उभर रही है। यहाँ की भौगोलिक और नैसर्गिक सुंदरता तथा वन्यजीवों की बढ़ती संख्या का अनुभव करने के लिए देश-विदेश से पर्यटक लगातार पहुंच रहे हैं। इस बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक विकास की आवश्यकता है।
अपने दौरे के दौरान मंत्री ने जंगल सफारी सहित कई चीजों का बारीकी से निरीक्षण किया और पाया कि पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए वन अधिकारियों के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई और सरकार को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया जाएगा।
वन भूमि पर विवाद: सुस्ता और इरीगेशन डिपार्टमेंट का मामला
प्रेस वार्ता में वन मंत्री ने बताया कि लगभग 198 एकड़ विवादित वन भूमि, जिसमें सुस्ता भी शामिल है, के अलावा इरीगेशन डिपार्टमेंट के पास भी कुछ वन भूमि है। इन भूमि को बिहार सरकार और केंद्र सरकार से बात करके अपने कब्जे में लेने की योजना है।
वाल्मीकिनगर में बनेगा म्यूजियम
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाल्मीकिनगर में एक म्यूजियम तैयार किया जाएगा। इस म्यूजियम में वाटर म्यूजिकल पार्क और 7 डी के माध्यम से पर्यटकों को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। यहाँ वन्यजीव, पहाड़, जंगल, और ऐतिहासिक जानकारियों को चलचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि पर्यटक संतुष्ट हो सकें और पर्यटन को अधिक से अधिक बढ़ावा मिल सके।