वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भालू के हमलों से ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। गोनौली गांव में एक सप्ताह के भीतर दो ऐसे हमले हो चुके हैं। बुधवार रात को बहादुर राव पर भालू ने हमला किया था, जब वह अपने घर के बाहर शौच के लिए गया था। भालू ने उसके हाथ और पैरों पर गहरे घाव किए।
वहीं, इससे पहले 4 अगस्त को भी गोनौली गांव निवासी धनवंती देवी (40 वर्ष) अपने घर के पीछे धान की खेत में निराई-गुड़ाई (सोहनी) कर रही थी. तभी वन क्षेत्र से निकल कर एक भालू उन पर हमला कर दिया था. जिसमें उक्त महिला भी बुरी तरह से जख्मी हो गयी थी
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन क्षेत्र का विस्तार होने के कारण वन्यजीव अक्सर गांवों में आ जाते हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि वे वन्यजीवों को पकड़ने के लिए कदम उठाएं और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करें।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर लिया है। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्क रहने और वन क्षेत्र में अकेले न जाने की अपील की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक उपाय करने होंगे। इसमें वन क्षेत्र और रिहायशी क्षेत्र के बीच एक सुरक्षा दीवार बनाना, ग्रामीणों को वन्यजीवों से बचाव के लिए प्रशिक्षित करना और वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को बनाए रखना शामिल है।