बिहार में भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में 17 सीटों पर लड़ रही है। इसके लिए उम्मीदवारों की घोषणा रविवार देर शाम हो गई। इस लिस्ट में अधिकतर नाम रिपीट हुए हैं। इसमें 13 उम्मीदवारों को भाजपा ने रिपीट किया है। जबकि 3 सांसदों बेटिकट हुए हैं। 1 सीट नई है, जहां भाजपा 2014 के बाद पहली बार लड़ रही है। शिवहर सीट भाजपा ने जदयू को देकर नवादा सीट लोक जनशक्ति पार्टी से ली थी। शिवहर से महिला सांसद थीं। इस बार की सूची में एक भी महिला नहीं। नई सीट नवादा में उसी जाति के चेहरे को मौका मिला। सिर्फ एक सासाराम सीट पर जाति बदली है, लेकिन वर्ग वही है।
बक्सर से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को बदला गया है। उनके अलावा दो सांसदों का टिकट काटा गया है। भाजपा ने उम्मीद के हिसाब से ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को संसदीय चुनाव से मुक्त कर दिया है। उनकी उम्र को देखते हुए यह फैसला लिए जाने की संभावना पहले से थी। इस सीट पर एक रिटायर्ड अधिकारी के अलावा कई नाम चल रहे थे, लेकिन अंतिम तौर पर पुराने भाजपाई मिथिलेश तिवारी को मौका दिया गया। मिथिलेश तिवारी को भाजपा में बिहार का अनुभव था, अब इन्हें लोकसभा में उतारना एक तरह से प्रयोग है। अश्विनी चौबे भी ब्राह्मण हैं और उनकी जगह आए मिथिलेश तिवारी भी इसी जाति से हैं।
सासाराम सीट से मौजूदा सांसद छेदी पासवान का टिकट काट दिया गया। उनकी जगह इस आरक्षित सीट पर शिवेश राम को मौका मिला है। दोनों दलित वर्ग से हैं, क्योंकि सीट आरक्षित है। बता दें कि छेदी पासवान 1989 में पहली बार सासाराम के सांसद बने थे। वर्ष 2014 तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े छेदी पासवान ने सासाराम संसदीय क्षेत्र से लगातार दो बार चुनाव जीता।
एक और सांसद मुजफ्फरपुर के बदले जा रहे हैं। भाजपा सांसद अजय निषाद ने पिछले चुनाव में जिस प्रत्याशी राजभूषण चौधरी निषाद को हराया था, वही इस बार प्रत्याशी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय निषाद ने डॉ राजभूषण चौधरी को 409988 वोट से हराया था। पिछले चुनाव में अजय निषाद भाजपा और डॉ राजभूषण चौधरी वीआईपी प्रत्याशी थे। चुनाव में अजय निषाद को 666878 वोट मिले थे। जबकि राजभूषण को 256890 वोट मिले थे।
रविवार को टिकट की घोषणा होते ही राजभूषण चौधरी के समर्थकों में खुशी और अजय निषाद के समर्थकों में मायूसी छा गई। अजय निषाद 2014 के चुनाव में भी विजयी हुए थे। उस चुनाव में उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह को हराया था। भाजपा को सांसद अजय निषाद के बारे में खराब फीडबैक मिल रहा था। क्षेत्र के वोटरों में अजय निषाद के खिलाफ बड़ी नाराजगी देखी जा रही थी। इसके बाद पार्टी ने उनका टिकट काटना ही बेहतर समझा।