बिहार में सीएम नीतीश कुमार इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करने की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। शुक्रवार को इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन हुआ। लेकिन राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी साफ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार कुछ भी कर लें, बिहार में इन्वेस्टर्स नहीं आएंगे। सुशील मोदी के पास इसके अपने कारण हैं, तथ्य हैं।
‘100 बड़े उद्योगपतियों में कोई नहीं आया’
सुशील मोदी ने कहा कि इस इन्वेस्टर्स मीट में देश के 100 बड़े उद्योगपतियों में से कोई शामिल नहीं हुआ। सीएम ने कह दिया कि सबको भरोसा है या नहीं, तो सबने उठा दिया। लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि जब तक भाजपा सरकार में शामिल नहीं है तब तक देश के इन्वेस्टर्स का भरोसा सरकार में पैदा नहीं हो सकता। अभी शाहनवाज हुसैन के पास उद्योग विभाग था तो उम्मीद बंधी थी। जदयू के पास कोई शाहनवाज हुसैन नहीं है।
लालू की पार्टी के साथ इन्वेस्टर्स कैसे करेंगे भरोसा?
पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जब तक लालू यादव की पार्टी सरकार में रहेगी, तब तक इन्वेस्टर्स का भरोसा बिहार सरकार पर पैदा नहीं हो सकता है। पिछले दिनों बाढ़ एनटीपीसी में गोलियां चली, कोई अरेस्ट नहीं हुआ। नौ अगस्त के बाद आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। आम आदमी डरा हुआ है। ऐसी हालत में उद्योग लगाने कौन आएगा? सुशील मोदी ने सरकार की उद्योग नीतिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2006 और 2011 की औद्योगिक नीति के तहत करीब 300 उद्योगपतियों का लगभग 600 करोड़ बकाया है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार केस हार गई लेकिन भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
‘बियाडा में उद्योग रद्द, नाकाफी सब्सिडी’
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने बियाडा में 400 से अधिक स्थानीय लोगों के उद्योग को रद्द करने का आदेश दिया है। वहीं बजट में सिर्फ 250 करोड़ सब्सिडी के लिए प्रावधान किया है। ऐसे में कैसे इन्वेस्टर्स का भरोसा जीत सकेंगे?