बिहार में एक बार फिर लालू यादव से विद्रोह की गूंज बाहर आने को तैयार दिख रही है। विधानसभा चुनाव 2020 के ठीक पहले राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू से विद्रोह किया था। अब कुछ ऐसा ही विद्रोह जगदानंद के करने की संभावना दिखने लगी है। जगदानंद विद्रोह की राह में कितना आगे जाएंगे, यह कहना मुश्किल है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जगदानंद आखिर नाराज क्यों हैं?
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‘जगदानंद की महत्वकांक्षा सीमित’
राजद में जगदानंद सिंह के नाराजगी के मायने दूसरे किसी भी नेता से कहीं अधिक हैं। जगदानंद के नाराजगी की वजह जानना भी मुश्किल है। अमूमन नाराजगी तो महत्वकांक्षा के कारण होती है। लेकिन जगदानंद के मामले में यह सीमित है। वे खुद सीएम बन नहीं सकते। बेटे सुधाकर सिंह की राजनीतिक हैसियत सीएम लायक बनी नहीं है। मंत्री तो सुधाकर को बनाया ही गया था। तो आखिर जगदानंद चाहते क्या हैं?
राजद के साथ लालू परिवार से करीबी तक जगदानंद की प्रतिबद्धता
जगदानंद सिंह अपनी प्रतिबद्धता लालू परिवार के प्रति जता भी चुके हैं और दिखा भी चुके हैं। लालू यादव के साथ रहने की उनकी प्रतिबद्धता इस स्तर तक रही है कि अपने ही बेटे को राजद के अन्य प्रत्याशी के लिए चुनाव में हरवा दिया। लालू यादव के बाद जब नेतृत्व तेजस्वी यादव की ओर बढ़ने लगी, उसे भी जगदानंद ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। कोर्इ ड्रामा नहीं हुआ।
नीतीश से नाराज हैं राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद
अभी जगदानंद सिंह नाराज दिख रहे हैं। बेटे सुधाकर सिंह का इस्तीफा हो चुका है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दुबारा ताजपोशी के बाद भी वे बहुत उत्साहित नहीं दिख रहे हैं। इसका कारण ये है कि बिहार के सीएम पद पर वे तेजस्वी को देखना चाहते हैं, नीतीश कुमार को नहीं। जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार से गठबंधन को वे तैयार भी नहीं थे। लेकिन नीतीश के प्रस्ताव को लालू मना नहीं कर सके। ऐसे में जगदानंद असहज हो गए। यही कारण है कि राजद के लिए अपने बेटे को चुनाव हरवा देने वाले जगदानंद इन दिनों नाराज हैं।