बिहार में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री रहते हुए गठबंधन बदल कर वापस मुख्यमंत्री बनने का खेल तीन बार खेल लिया है। पहली बार यह खेल 2017 में खेला गया। तब 2015 में राजद-कांग्रेस के साथ चुनाव लड़कर नीतीश कुमार ने 2017 में एनडीए में वापसी कर ली। इसके बाद 2020 में एनडीए के साथ चुनाव लड़कर 2022 में राजद-कांग्रेस से नीतीश कुमार जा मिले। लेकिन 2024 में फिर एनडीए में वापस आ गए। इसमें पहली बार 2017 में जब नीतीश कुमार ने एनडीए में वापसी की तो उनका साथ शरद यादव छोड़ गए, जो सबसे लंबे समय तक जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। अब शायद यही कहानी विजेंद्र दुहराने जा रहे हैं, जो इन दिनों नाराज हैं।
दरअसल, पटना में जदयू की बैठक चल रही है। इस बैठक में जदयू के तमाम बड़े नेता मौजूद हैं, जिनमें कई बिहार सरकार के मंत्री भी हैं। इन्हीं में हैं विजेंद्र यादव जो नीतीश कुमार की पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं में हैं, जो मीडिया के सामने कम आते हैं। लेकिन अब उनकी नाराजगी की खबर मीडिया तक पहुंची। तो सवाल उठे कि आखिर विजेंद्र यादव नाराज क्यों हैं? तो विजेंद्र यादव ने जवाब दिया कि मैं जदयू में नहीं हूं। उनका यह जवाब खीझ में दिया गया है। वैसे पहुंचे मंत्री बिजेंद्र यादव की नाराजगी की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि पोस्टर में फोटो नहीं होने से मंत्री नाराज हो गए।
बताया जा रहा है कि विजेंद्र यादव की नाराजगी के कई कारण है। इनमें एक कारण तो यह बताया जा रहा है कि जदयू की बैठक की जानकारी उन्हें पहले से नहीं दी गई। साथ ही उनकी नाराजगी पोस्टर को लेकर भी जिसमें उनकी तस्वीर नहीं थी।
ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस तरह 2017 में नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद शरद यादव ने राजद से सहानुभूति दिखाते हुए पार्टी से अलगाव कर लिया। कहीं विजेंद्र यादव भी तो इसी राह पर नहीं जा रहे? हालांकि जदयू की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिशें चल रही हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया से कहा है कि पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है। अगर कोई नाराज है, तो उससे डिटेल बात होगी और सबकुछ सुलझ जाएगा।