मढौरा मेन रोड पर अवस्थित एक कथित फर्जी नर्सिंग होम में झोला छाप डॉक्टरों के द्वारा इलाज किए जाने के क्रम में एक प्रसव पीड़ित महिला की मौत हो गई। इस मौत के बाद उक्त नर्सिंग होम में अफरा तफरी मच गई और आनन फानन में इस फर्जी नर्सिंग होम के डॉक्टर व अन्य कर्मचारी मौके से फरार हो गए। इस घटना की सूचना पाकर मढौरा पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जरूरी जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। किन्तु अस्पताल से किसी समझौते के तहत मृतिका के पति, पिता व अन्य परिजन उक्त नर्सिंग होम के खिलाफ केस करने को तैयार नही हुए और पुलिस को लिखित रूप में एक आवेदन दिया, जिसमें इलाज करने वाले नर्सिंग होम के डॉक्टर व कर्मी को निर्दोष बता दिया। जिसके बाद पुलिस हाथ मलती रह गई।
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इधर मढौरा रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कृष्ण चन्द्रा ने उक्त कथित नर्सिंग होम के संचालक को नोटिस भेजकर अस्पताल संचालन से संबंधित जरूरी कागजातों की मांग की है और मांगे गए कागजातों को समय पर नही देने के बाद कानूनी करवाई की चेतावनी दी है। इस घटना के संबंध में बताया जाता है कि गुरुवार ओल्हनपुर निवासी प्रमोद कुमार साह की पत्नी चंदा देवी डिलीवरी के लिए मढौरा रेफरल अस्पताल में आई थी जहां उसकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल के लिए रेफर किया था किंतु इसी बीच यह मरीज उक्त अवैध नर्सिंग होम के किसी एजेंट के चंगुल में फस गया और उसे वहां भर्ती करा दिया। जहां उसने गुरुवार की देर रात एक पुत्री को जन्म तो दिया, किंतु इस दौरान चंदा की जान चली गई। इसके बाद चारों तरफ अफरा तफरी मच गई, मृतिका के पति व परिजनो ने पहले तो केस करने की बात की, किन्तु अस्पताल के लोगो से कुछ शर्तों पर समझौता वार्ता होने के बाद उनलोगों ने इस मामले में केस करने से इंकार कर दिया, और उक्त नर्सिंग होम प्रशासन को लिखित रूप में निर्दोष करार दे दिया। मालूम हो कि मढौरा में कई ऐसे फर्जी नर्सिंग होम चल रहे है जहां बिना डिग्री के डॉक्टर भोले-भाले मरीजों की जान से खिलवाड़ करते है। इन संस्थानों में यहा समय समय पर मौत की घटनाएं होती रहती है।