तेजस्वी यादव के बंगला खाली करते ही सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) नये बंगले में प्रवेश कर चुके हैं। इसके साथ ही वह बंगले का वास्तुदोष दूर करने में जुट गए हैं। सम्राट चौधरी ने पांच देश रत्न मार्ग वाले बंगले के पीछे का दरवाजा बंद करवाने का काम शुरू करवा दिया है। सोमवार (14 अक्टूबर) को मजदूर गेट के रास्ते पर दीवार उठाते दिखे। कहा जाता है कि 2015 से इस बंगले में जो भी उपमुख्यमंत्री आया वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया।
गेट बंद करने की वजह ?
बता दें कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को जो बंगला मिला है उसमें दो तरफ से जाने का रास्ता है। उत्तर की तरफ वाला दरवाजा देश रत्न मार्ग की तरफ खुलता है जबकि दक्षिण दरवाजा सर्कुलर रोड में खुलता है। सर्कुलर रोड की तरफ खुलने वाले गेट को बंद किया जा रहा है। इसी दरवाजे से तेजस्वी यादव आते-जाते थे। वजह यह थी कि 10 सर्कुलर रोड में राबड़ी आवास है इसलिए तेजस्वी यादव इस दरवाजे का इस्तेमाल ज्यादा करते थे। ऐसे में सम्राट चौधरी अब इस गेट को ही बंद करवा रहे हैं।
इस बंगले में सम्राट चौधरी ने विजयादशमी के दिन प्रवेश किया है। अब पांच देश रत्न मार्ग में सिर्फ एक मुख्य द्वार होगा। जिस दिन सम्राट चौधरी बंगले में प्रवेश कर रहे थे उसे दिन उनसे पूछा गया कि यह विवादास्पद बंगला है, जो आता है उसकी सत्ता चली जाती है तो उन्होंने साफ कहा था कि मुझे अब दोबारा उपमुख्यमंत्री नहीं बनना है।
2015 में रहने आए थे तेजस्वी यादव
सबसे पहले इस बंगले में साल 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद तेजस्वी यादव ही रहने के लिए आए थे, लेकिन 2017 में उन्हें सत्ता से बाहर जाना पड़ा। सत्ता परिवर्तन के बाद साल 2017 में एनडीए की सरकार बनी तो दिवंगत नेता और उस समय के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी इस बंगले में आए। साल 2020 के चुनाव के बाद उन्हें बिहार की सियासत से ही दूर जाना पड़ गया।
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सुशील मोदी की जगह तारकिशोर प्रसाद ने ली। तारकिशोर प्रसाद को भी साल 2022 में सत्ता से बाहर जाना पड़ा। बिहार में नीतीश कुमार ने पलटी मारने के बाद जब महागठबंधन की सरकार बनाई तो तेजस्वी यादव को फिर से डिप्टी सीएम बनाया गया, लेकिन ये सरकार भी 17 महीने में चली गई और तेजस्वी यादव सत्ता से बाहर हो गए। अब एक बार फिर ये बंगला सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।