विश्व बैंक ने बिहार के पटना और छपरा शहरों में एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क के सफल संचालन के लिए 56.11 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान देने का निर्णय लिया है। यह अनुदान परफॉर्मेंस बेस इंसेंटिव ग्रांट (पीबीआईजी) के तहत दिया जाएगा।
बिहार दौरे पर विश्व बैंक के अधिकारी
विश्व बैंक और नमामि गंगे के अधिकारियों ने हाल ही में बिहार का दौरा किया था और राज्य में चल रही नमामि गंगे परियोजनाओं का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय और पटना शहरों में चल रही परियोजनाओं का जायजा लिया।
बुडको की बैठक में हुई चर्चा
शुक्रवार को बुडको के एमडी योगेश कुमार सागर ने नमामि गंगे और विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में बताया गया कि बिहार में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 4578.98 करोड़ रुपये की योजनाओं में से बुडको द्वारा 2539 करोड़ रुपये की लागत से दस एसटीपी और सीवरेज योजनाएं पूरी कर ली गई हैं। इनसे लगभग 230 एमएलडी सीवरेज का उपचार किया जाएगा।
पटना और अन्य शहरों में परियोजनाओं की प्रगति
बैठक में पटना, भागलपुर और बेगूसराय शहरों में चल रही परियोजनाओं की गहन समीक्षा की गई। पटना में दीघा एसटीपी और नेटवर्क का 47.65 प्रतिशत और कंकड़बाग एसटीपी और नेटवर्क का 45.78 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बेगूसराय एसटीपी की भौतिक प्रगति 95 प्रतिशत पाई गई है। पटना शहर में नदी तट विकास कार्य के तहत भद्र घाट, महावीर घाट और नौजर घाट का निर्माण कार्य लगभग 50 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है।
विश्व बैंक का सहयोग
विश्व बैंक के डिप्टी कंट्री हेड उपनति सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत किए जा रहे प्रयासों से वे काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक बिहार सरकार को इस परियोजना को सफल बनाने में हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।