लोकगायिका नेहा सिंह राठौर के गीत यूपी में का बा सीजन -2 के जरिए मड़ौली कांड पर सवाल उठाने के बाद पुलिस ने उन्हें एक नोटिस दिया। नोटिस अकबरपुर पुलिस की ओर से दिया गया, जिसमें अलग अलग बिंदुओं पर उनसे जवाब मांगा गया। लेकिन अब यह नोटिस फर्जी बताया जा रहा है। यह दावा किया है खुद लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने। शनिवार को पटना पहुंची नेहा सिंह राठौर ने बताया कि पुलिस ऐसा नोटिस नहीं भेज सकती थी। हालांकि मैंने उसका जवाब दे दिया है।
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बिना एफआईआर के नोटिस पर सवाल
नेहा ने बताया कि मैंने नोटिस का जवाब दे दिया है। लेकिन नोटिस फर्जी था। ये मेरे वकील और जस्टिस मार्कंडेय काटजू का कहना है। मुझ पर 160 सीआरपीसी की धारा लगाई गई थी। जबकि यह धारा एफआईआर के बिना नहीं लगाई जा सकती थी। हालांकि इसका मैंने जवाब दे दिया है।
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“बुल्डोजर से बैर नहीं, लेकिन मां-बेटी का क्या कसूर”
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के घरों पर बुल्डोजर चलने के मामले में नेहा ने बताया कि मुझे बुल्डोजर से बैर नहीं है। अतिक्रमण हटना जरुरी है। जो भी अतिक्रमण किया हो, उस पर कार्रवाई होती है तो मुझे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन कानपुर में जिस तरह पुलिस प्रशासन की असंवेदनशीलता से मां-बेटी की जान गई वो गलत है। उस मां-बेटी का क्या कसूर था कि उनकी जान चली गई।
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तमिलनाडु में बिहारियों की हालत पर सुनाया गीत
वहीं बिहारी मजदूरों पर तमिलनाडु के हमले वाली खबरों पर नेहा ने बताया कि मैं दिल्ली से आ रही हूं और खुद को भी प्रवासी मजदूर ही मानती हूं। दिल्ली-मुंबई में हमारे बिहार के बहुत लोग हैं। कोई बॉडीगार्ड है तो कोई कूड़ेवाला तो कोई सब्जीवाला। कोई जज साहब या कलक्टर साहब बन के नहीं गया है। तमिलनाडु मामले में जवाब नेताओं को देना चाहिए। बिहारियों की बाहर के राज्यों में स्थिति पर तो यही गाना सूट करता है
भइया हईं हम बिहारी, बहरा जात बानी हो
कभी दिल्ली में मजूरिया हम कमात बानी हो
कभी तमिलनाडु में मजूरिया हम कमात बानी हो