बिहार के गया शहर के पंचायती अखाड़ी मुहल्ले की बांकेगली में फल्गु नदी के किनारे अपराधियों ने बुधवार को दिनदहाड़े एक अपराधी की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतक की पहचना मोहम्मद जैर आमल के बेटे 28 वर्षीय मोहम्मद असर इमाम उर्फ सद्दाम के रुप में हुई है. इस घटना की सूचना मिलते ही सिटी एसपी प्रेरणा कुमार, कोतवाली थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरु कर दी. सिटी एसपी ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया. जानकारी के अनुसार, मोहम्मद असर इमाम उर्फ सद्दाम तीन भाई व तीन बहन है. वह भाई-बहनों में पांचवें नंबर है. कुछ वर्ष पहले उसकी शादी पटना सिटी मेंहुई और उसे एक बच्ची भी है.
वह लंबे समय तक सउदी अरब में रह कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. लेकिन, हाल के वर्षों में वह लौटने के बाद मुंबई में रहने लगा. इसके बाद वह अपने पारिवारिक जीवन को देखते हुए हाल के महीनों में गया शहर में ही रह कर पलंबर का काम करने लगा. बुधवार को वहफल्गु नदी किनारे धूप में बैठा हुआ था. इसी दौरान मौके पर जुआ खेल रहे पड़ाेसी युवक आपस में उलझ गये. पड़ोसी युवकों को उलझता हुआ देख सद्दाम बीच-बचाव करने गया और इस दौरान वह मोहम्मद नवल के बेटे मोहम्मद इम्तियाज उर्फ कल्लू से हाथपाई हो गयी. उस दौरान कल्लू को वहां से पीछे हटने को मजबूर हो गया. सद्दाम वहीं फल्गु किनारे बैठा रहा. करीब 15-20 मिनट बाद कल्लू वहां पहुंचा और फिर सद्दाम से उलझ गया और गोली मार दी. सद्दाम के जमीन पर गिर जाने के बाद भी कल्लू कट्टे के बट से सिर पर तीन-चार प्रहार किये. इस घटना से वहां अफरातफरी का माहौल कायम हो गया.
कल्लू अपने मुहल्ले में कर चुका है फायरिंग
मगध मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस के पास पहुंचे सद्दाम के पड़ोसियों ने बताया कि हाल के वर्षों में कल्लू का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा था. उसकी छवि आपराधिक होते जा रही थी. करीब आठ महीना पहले किसी मामले को लेकर कल्लू ने अपने पड़ोसी मोहम्मद जमाल के घर में घुस कर फायरिंग कर दी थी. उस वक्त घटना की जानकारी पाते ही कोतवाली थाने की पुलिस आयी थी. पुलिस टीम ने फायरिंग होने की घटना को सत्य पाया था. लेकिन, पंचायती अखाड़ा मुहल्ले के रहनेवाले कुछ गणमान्य लोगों ने कल्लू के पक्ष में तारीफदारी करते हुए केस होने से बचा लिया था.