[Team Insider]: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के एक साल के निलंबन को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के चेहरे पर ‘असंवैधानिक, अनैतिक, अनुचित, अवैध और अलोकतांत्रिक कार्यों और गतिविधियों’ के लिए एक और कड़ा तमाचा है। उन्होंने कहा कि हम मानसून सत्र के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा में ओबीसी के लिए लड़ रहे हमारे 12 भाजपा महाराष्ट्र विधायकों के निलंबन को रद्द करने के ऐतिहासिक फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्वागत और धन्यवाद करते हैं।
इससे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होगी
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होगी। शुरुआत से, हम कह रहे थे कि कृत्रिम बहुमत बनाने के लिए हमारे विधायकों को इतनी लंबी अवधि के लिए निलंबित करना पूरी तरह से असंवैधानिक और शक्ति का घोर दुरुपयोग था और वह भी बिना किसी वैध कारण के और सुप्रीम कोर्ट ने हमारे रुख को बरकरार रखा है। उन्होंने आगे कहा कि यह न केवल 12 विधायकों का बल्कि इन 12 निर्वाचन क्षेत्रों में 50 लाख से अधिक नागरिकों का सवाल था। लोकतंत्र बच गया !
शिवसेना ने कहा विस्तृत आदेश के बाद ही टिप्पणी
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश होने के बाद इस मुद्दे पर टिप्पणी करना बेहतर है। इससे पहले शुक्रवार को, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 12 विधायकों के एक साल के निलंबन को “असंवैधानिक और मनमाना” करार देते हुए रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जुलाई 2021 में चल रहे मानसून सत्र के बाद विधायकों के निलंबित नहीं किया जा सकता था। पीठासीन अधिकारी के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।