रामनवमी के जुलूस के दौरान सासाराम में हुए हिंसा की घटना घटी थी। हिंसा भड़काने के आरोप में भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद पुलिस की गिरफ्त में हैं। भाजपा नेताओं द्वारा उनकी गिरफ्तारी को लेकर बिहार सरकार पर षड्यंत्र का आरोप लगाया जा हैं। वही दिन-प्रतिदिन उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। आज सासाराम कोर्ट ने जवाहर प्रसाद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि 29 अप्रैल को पुलिस ने जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया था।
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पूर्व विधायक को नहीं मिली राहत
दरअसल पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में जमानत के लिए याचिका की गई थी। लेकिन आज कोर्ट ने उनकी जमानत को खारिज कर दिया। वहीं इस मामले में रोहतास पुलिस ने धारा- 302 भी संकलित करने के लिए कोर्ट से निवेदन किया था। जिसके बाद धारा 302 को भी उसी मामले में समाहित कर लिया गया। ऐसे में अब पूर्व विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जमानत रद्द होने के बाद अब उन्हें वरीय कोर्ट के शरण में जाना होगा। बता दें कि इसी मामले में पहले के कई अभियुक्तों को जमानत दे दी गई थी। लेकिन अब जबकि धारा 302 समाहित कर दिया गया है, तो जिन जिन लोगों का इस मामले में जमानत हो चुकी है, उन आरोपियों के जमानत को रद्द करने के लिए भी अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को आवेदन दिया गया है।
5 बार विधायक रह चुके हैं जवाहर प्रसाद
बता दें कि जवाहर प्रसाद सासाराम विधानसभा क्षेत्र का 5 बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 1990 में वह पहली बार विधायक बने थे। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में सासाराम सीट जेडीयू के पास जाने से इन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया था। रामनवमी जुलूस के बाद हुई हिंसा को भड़काने के आरोप में पुलिस ने उन्हें 29 अप्रैल को पुलिस ने जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया था।