नई शिक्षा नियमावली के विरोध में आज छपरा में भारतीय जनता पार्टी द्वारा परिसदन भवन में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिला अध्यक्ष रणजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में यह आयोजन किया गया। जिसमें सरकार द्वारा शिक्षक अभ्यर्थियों की पिटाई, नियोजित शिक्षकों को पूर्ण सरकारी शिक्षक का दर्जा व सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ 13 जुलाई को पैदल मार्च निकालने का निर्णय लिया गया है। पैदल मार्च गांधी मैदान से विधानसभा तक निकाला जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किया शिक्षा नीति के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
“पूरे बिहार में जंगलराज व्याप्त हो चुका है”
प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य सचेतक माननीय जनक सिंह ने कहा कि आज बिहार सरकार के गलत निर्णय की वजह से शिक्षक अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे है। उनपे बुरी तरह लाठीचार्ज करवाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थी को भी बीपीएससी का परीक्षा पास करना पड़ेगा ऐसा निर्णय सरकार का बिल्कुल ग़लत निर्णय है। आज बिहार के कई मंत्रियों के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री पर भी चार्जशीट दाखिल हो गया है और नीतीश जी उनको हटाना तो दूर अभी तक उनके विषय पर कुछ बोलने से भी परहेज कर रहे हैं। यह सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रतीक है।
“सरकार के गलत निर्णय के कारण बिहार की जनता त्रस्त”
वही समिति के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक विनय सिंह ने सारण जिला के लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि आप सभी लोग सरकार के गलत निर्णय और सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ 13 जुलाई को होने वाले विधानसभा घेराव में शामिल होने की कृपा करें। जिससे सरकार के गलत नीति, निर्णय का विरोध हो सके, और सरकार भी सोचने पर मजबूर हो जाए।
“व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रतीक है बिहार सरकार”
वहीं जिला अध्यक्ष रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार में इतना भ्रष्टाचार बढ़ा हुआ है कि गौरव का पुल गिर जाता है पर सरकार को इसका तनिक भी चिंता नहीं है, और ना ही इसकी जांच कराने के विषय में विचार कर रही है। व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रतीक है बिहार सरकार। उन्होंने कहा कि भाजपा सभी शिक्षक अभ्यर्थी, नियोजित शिक्षक एवं सारण जिला के तमाम आवाम से आग्रह करती है कि सभी लोग 13 जुलाई के विधानसभा घेराव में शामिल होकर सरकार की गलत नीति एवं नियत का विरोध करें।
“बिहार में लूट का सूट और भ्रष्टाचार मचा हुआ है।”
वहीं पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी ने कहा कि नियोजित शिक्षक को भी सरकार के गलत नीति के कारण आज प्रताड़ित किया जा रहा है। उनका नियोजन कब का हो चुका है पर आज उनको भी बीपीएससी की परीक्षा में बैठना पड़ेगा। सरकार के निर्णय नियोजित शिक्षक के खिलाफ है हम सरकार से मांग करते हैं कि सभी नियोजित शिक्षक को पूर्ण शिक्षक का दर्जा दें। पूर्व जिला अध्यक्ष एवं गोपालगंज के प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आज बिहार में फिर एक बार जंगलराज स्थापित हो चुका है चारों ओर लूट का सूट और भ्रष्टाचार मचा हुआ है।
“शिक्षा और शिक्षकों को समाप्त करना चाहती है बिहार सरकार”
पूर्व प्रत्याशी एवं लोकसभा के संयोजक डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह सरकार शिक्षा एवं शिक्षक दोनों की विरोधी है, सरकार दोनों की विरोधी है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से पूर्व अध्यक्ष व गोपालगंज प्रभारी अशोक कुमार सिंह, पूर्व प्रत्याशी शिक्षक निर्वाचन डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह, उपाध्यक्ष अनु सिंह, जिला मंत्री सत्यानंद सिंह, अर्द्धेन्दु शेखर, मिडिया प्रभारी बलवंत सिंह, नगर अध्यक्ष राजेश फैशन, नगर उपाध्यक्ष अजीत सोनी, नगर महामंत्री अनुप यादव, सदर पूर्वी मंडल अध्यक्ष मुन्ना शाह आदि लोग शामिल हुए।।