बौद्ध भिक्षु दलाई लामा ने काल चक्र मैदान (Kal Chakra Maidan) में अपना धार्मिक उपदेश समाप्त करने के कुछ मिनट बाद बोधगया में महाबोधि मंदिर के बाहर 19 जनवरी, 2018 को विस्फोट हुआ था। विस्फोट में दो भिक्षुओं को छर्रे लगे थें। महाबोधि मंदिर विस्फोट मामले (Mahabodhi Temple Blast Case) में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के आतंकवादी बांग्लादेशी नागरिक जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर को विशेष एनआईए अदालत आज सजा सुना दी है। जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर को तीन आईईडी लगाने का आरोपी बनाया गया था।
गुनाह कबूल संबंधित अर्जी
बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में बम ब्लास्ट मामले में जेल में बंद 9वें आरोपी ने अपना गुनाह कबूल करने से संबंधित कोर्ट को अर्जी दिया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। अदालत ने आज 11 फरवरी को मामले की सुनवाई हुई जिसमें 10 की सजा सुनाई है। इस मामले में विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में आरोपी ने गुनाह कबूल करने वाले आवेदन दिया था।
चार्जशीट दाखिल की गई थी
दरअसल, बोधगया ब्लास्ट मामले में जांच के बाद एनआईए के द्वारा 9 आरोपियों के खिलाफ पहले चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस मामले में एक ने अपना अपराध कबूल कर लिया है जिसके बाद अदालत ने आठ में से तीन को उम्रकैद और 5 को 10 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि एक आरोपी ने अपना गुनाह कबूल नहीं किया था।
कालचक्र मैदान के पास बम विस्फोट
बाद में 9वें बचे हुए आरोपी ने अपना जुर्म कबूल करने का आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। आपको बता दें कि 19 फरवरी 2018 को महाबोधि मंदिर में निगमा पूजा चल रही थी, जिसमें दलाई लामा के अलावा कई देशों के कई धर्मावलंबी और विशिष्ट अतिथि शामिल होने आये थे। इसी दौरान कालचक्र मैदान के पास एक थरमस फ्लास्क में बम विस्फोट हुआ था। विस्फोट में दो भिक्षुओं को छर्रे लगे थें। इसके बाद तलाशी में मंदिर परिसर में दो केन बम भी बरामद हुआ था। पुलिस द्वारा शुरुआती जांच के बाद इस मामले को गंभीरता से देखते हुए केस एनआईए को सौंप दी गई थी। जिसमेंएनआईए ने इस मामले में 9 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।