झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को जान से मारने की धमकी भरा पत्र मिला है। ऐसा पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन पूरे मामले की पड़ताल में जुट गया है। यह रजिस्टर्ड पत्र हजारीबाग से डाकघर के जरिए मंत्री जगरन्नाथ महतो को भेजा गया है। धमकी भरा पत्र मिलने के बाद बोकारो पुलिस उनकी सुरक्षा की समीक्षा कर रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षा देने की तैयारी में है।
1932 के खतियान के मामले को लेकर दुखी है
बोकारो के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार झा के मुताबिक मंत्री को एक पत्र मिला है और इसके बाद ही पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि यह मामला किसी की शरारत है। या सचमुच मंत्री को अराजक तत्वों द्वारा दी गई धमकी है। पुलिस के लिए धमकी देने वालों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है। पत्र के मजबून से लगता है कि 1932 के खतियान के मामले को लेकर दुखी किसी व्यक्ति ने यह पत्र भेजा है।
इसमें 1932 के खतियान का समर्थन करने से मंत्री को बाज आने की सलाह दी गई है। बताया जा रहा है कि दो दिन से यह लेटर आ रह है। तीन पन्नों का यह पत्र अलग-अलग दिन आया है। पत्र के अंत में लिखनेवाले ने फारवर्ड ग्रुप बिहार, यूपी, एमपी लिखा है। पत्र में लिखा है कि हमलोग महतो आदिवासी मूलवासी को देखना पसंद नहीं करते हैं। हम हेमंत सोरेन, जगरनाथ महतो को देखना पसंद नहीं करते हैं।
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मंत्री जगरनाथ महतो मुर्दाबाद के लिखे हुए हैं नारे
पत्र में मंत्री जगरनाथ महतो मुर्दाबाद के नारे लिखे हुए हैं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह सलाह दी गई है कि वह जात पात छोड़ के फॉरवर्ड को सपोर्ट करें। पत्र के मजबून में लिखा है कि हम लोग आदिवासी, महतो को देखना पसंद नहीं करते हैं। अंत में जगरनाथ महतो को जान मारो लिखा हुआ है। इस पत्र ने बोकारो पुलिस की चिंता बढ़ाई है और बोकारो पुलिस के पास इस पत्र की सच्चाई को सामने लाने की चुनौती बनी हुई है।