सरकार के अड़ियल रवैये के विरोध में हड़ताली कर्मी शुक्रवार को गोमिया अस्पताल में तालाबंदी करते हुए धरने पर बैठ गए। बता दें कि सेवा नियमतिकरण की मांग को लेकर झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ एवं झारखंड राज्य अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ के संयुक्त में पारा चिकित्साकर्मी, एएनएम, जीएनएम, फर्मासिस्ट, एक्सरे टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन आदि का अनिश्चितकालीन हड़ताल पिछले कई दिनों से चल रहा है। हड़ताल कर रहे कर्मियों की मांग है कि सरकार उनकी सेवा स्थायी करे। उनका कहना है कि बार-बार के आश्वासन के बाद भी सरकार के ढीले रवैए के कारण उनका भविष्य अधर में लटका है। कर्मियों ने अपनी मांग को लेकर 24 जनवरी से आमरण अनशन करने का भी ऐलान किया है।
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कोरोना काल में आम जनता की सेवा में जुटे रहे
इस संबंध में हड़ताली कर्मियों ने कहा कि विगत 16-17 वर्षों से वे लोग अत्यंत कम मानदेय में कार्य कर रहे हैं। अपने परिवारवालों की परवाह किए बिना कोरोना काल में आम जनता की सेवा में जुटे रहे। कोरोना काल की सेवा को लेकर सरकार ने कोरोना वारियर का दर्जा देते हुए नियमितीकरण का वादा भी किया गया था। लेकिन अब सरकार उस वादे को भूल जा रही है,इसलिए सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ आज धरने पर बैठे हैं। इस दौरान कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की। वहीं कर्मियों के हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई नजर आ रही थी। इलाज के लिए अस्पताल में आये हुए कई लोगों को वापस लौटना पड़ रहा था।