बोकारो सदर अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर सामने आई हैं। गुरुवार 10 नवंबर की सुबह अस्पताल में ऑक्सीजन नही मिलने के कारण मरीज ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। नाराज़ परिजनो ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। बालीडीह के 45 वर्षीय मिथिलेश रजवार की अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे एंबुलेंस में ऑक्सीजन के सहारे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां अस्पताल कर्मियो ने उसे भर्ती करते हुए उसके नाक में ऑक्सीजन लगा दिया। लेकिन उसी दौरान एक और सीरियस मरीज़ सदर अस्पताल में आया। तब अस्पताल कर्मियों ने मिथिलेश के नाक में लगी ऑक्सीजन पाइप को दूसरे मरीज को लगा दिया गया। जिसके बाद मिथिलेश की हालत गंभीर होने लगी। परिजन बोलते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
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ऑक्सीजन मत निकालो, हम मर जायेंगे
मृतक मिथिलेश रजवार की पत्नी विद्या देवी ने बताया कि पति चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि ऑक्सीजन मत निकालो, हम मर जायेंगे। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। जब दम घुटने लगा तो स्वास्थ्यकर्मी व्हील चेयर पर बैठाकर उसे आईसीयू ले जाने लगे। पति छटपटाने के कारण व्हील चेयर से नीचे गिर पड़े। उसे आनन-फानन में आईसीयू ले जाया गया, जहां उसने दम घुटने से दम तोड़ दिया। परिजनो के मुताबिक मृतक दैनिक मजदूर था। वह घर में अकेला कमाने वाला व्यक्ति था। घटना के विरोध में परिजनो ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनो के मुताबिक बुधवार की देर रात उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने परिजनों से वार्ता कर ज़रूरी कार्रवाई का भरोसा दिया। वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर बीपी गुप्ता ने कहा कि मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।