कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए देश भर में आज इसकी तैयारी को लेकर मॉक ड्रिल किया गया। बोकारो जिले में 12 अस्पतालों में इसका मॉक ड्रिल आज किया गया। जिसमें 2 निजी अस्पताल और 9 सरकारी और एक बोकारो जेनरल अस्पताल शामिल रहा। इसको लेकर सभी अस्पतालों में दंडाधिकारी की तैनाती की गई थी। चास सदर अस्पताल में चास अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत और प्रभारी सिविल सर्जन डॉ एस के मिश्रा मॉक ड्रिल के समय मौजूद रहे और पूरी तैयारियों का जायजा लिया ।इस दौरान मरीज की जांच और गंभीर अवस्था में आईसीयू में भर्ती करने पर उसकी व्यवस्था भी देखने का काम किया। अनुमंडल पदाधिकारी ने पीएसए प्लांट का भी निरीक्षण किया।
संभावित खतरे को देखते की गई है तैयारी
चास अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि कोरोना के दूसरे वेब के दौरान जिस प्रकार की तैयारी थी। उस तैयारी को फिर से एक बार ठीक करने का काम किया जा रहा है। बोकारो जिले में सभी तरह की तैयारी संभावित खतरे को देखते हुए कर ली गई है। मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर बेड में ही पाइपलाइन के द्वारा प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की व्यवस्था की गई है।
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जानिए क्या होता है मॉक ड्रिल
दरअसल मॉक ड्रिल किसी भी आपदा से निपटने के लिए की जाने वाली ऐसी प्रैक्टिस है, जिसमें यह दिखाया जाता है कि आपदा आने पर उससे निपटने के लिए किस तरह के और कौन-कौन से जरूरी कदम उठाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से दुनिया भर के स्कूलों कॉलेजों अस्पतालों अपार्टमेंट्स उद्योगों और संगठनों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाती है। यह प्रैक्टिस बिल्कुल रियल लगती है, जिससे स्थिति से निपटने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग मिलती है और स्टाफ को इसके बारे में जरूरी जानकारी मिल जाती है। जिससे वह खतरे से निपटने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो जाते हैं आने वाले अलग-अलग परिस्थितियों में भी वे घबराते नहीं हैं।